इस्तांबुल : भारत मै केंद्र मै और उतरप्रदेश मै भाजपा की सरकार आने के बाद शहरो के सदको के और इमारतों के नाम बदलने का मौसम चल रहा है। जैसे इस्लामाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया। जब की भारतीय राजनीति मै यह पहेली बार नहीं हो रहा है।
जब जब भी अपनी अपनी विचारधारा सता मे आती है तब तब अपने हिसाब से नामांकन होता रहता है। किसी शहर और सड़क का नाम बदलने तक तो ठीक था लेकिन किसी देश का ही नाम बादल दे तो? वर्तमान मे इस्लामिक देश तुर्की का नाम बादल दिया गया है। तुर्की के राष्ट्रपति Recep Tayyip Erdoğa ने तुर्की का नाम बदलकर तुर्किये कर दिया है।
तुर्किये नाम क्यो पसंद किया गया?
तुर्की को तुर्क भाषा मे तुर्किये ही कहा जाता है। तुर्की अंग्रेज़ो से आजाद होने के बाद पश्चिमी देश भी तुर्किये ही कहते आए है। उनको पहले ओटोमन साम्राज्य से भी जाना जाता था। राष्ट्रपति का मानना है की तुर्किये शब्द हमारी संस्कृति को प्रेजेंट करता है। देश का नाम बदलना उनकी ब्रांड बदलने के बराबर है।
हल ही मै नेधरलेंड ने अपने नाम मे से होलेण्ड शब्द को हटा दिया था। पहेले ईरान को भी फारस कहा जाता था। विश्व मे कई देशो के नाम बदले गए है।