अभी सेना में भर्ती से जुड़ी अपनी परियोजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों के बीच रक्षा मंत्रालय से जुड़ी एक नई स्कीम बाहर आ चुकी है। रक्षा मंत्रालय की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है उसमें लिखा गया है कि यह अग्नीपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी और जो भी इसी अग्नीपथ योजना का विरोध करेगा उन लोगों को सेना में भर्ती भी नहीं मिलेगी। सैन्य विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पूरी ने कहा था।
साथ ही उन्होंने कहा था कि अनुशासन ही भारतीय सेना की नींव है यह आगजनी तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है और आगजनी और तोड़फोड़ करते लोगों को सुनने में भी कोई जगह मिलने वाली नहीं है इसलिए सभी लोग सतर्क हो जाए। उसके बाद कहा कि जो लोग भी सेना में भर्ती होना चाहते हैं उन लोगों को एक आवेदन कर्ताओं के लिए पुलिस को एक पत्र लिखना होगा इसमें लिखना होगा कि वह कोई भी इस तोड़फोड़ में शामिल नहीं थे।
#WATCH | Ministry of Defence briefs the media on Agnipath recruitment scheme https://t.co/JRgzkQyuOn
— ANI (@ANI) June 19, 2022
यह फॉर्म नामांकन फॉर्म के रूप में भरवाया जाएगा। पूरी ने आगे कहा कि हम लोगों ने इस योजना को लेकर हाल ही में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था कि इतनी बड़ी हिंसा हो जाएगी। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है ऐसा हमारे प्रधानमंत्री और हमारे राष्ट्रपति भी कह रहे हैं।
उसके बाद पूरी ना कांफ्रेंस के दौरान कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था हम इस सुधार के साथ युवावस्था और अनुभव लाना चाहते थे लेकिन आप लोगों की हिंसा के वजह से अब हमें कुछ और ही सोचना पड़ेगा।
इसके साथ साथ उनका कहना था कि अग्नि हीरो के लिए आरक्षण की घोषणा पूर्व नहीं होती थी यह अग्नीपथ योजना की घोषणा के बाद हुई। आगजनी के प्रतिक्रिया में नहीं लिया गया निर्णय। अभी भी जो सैनिकों और सैनिकों के साथियों जो भर्ती होने वाले हैं वह हिंसा कर रहे हैं वह सही नहीं है इन लोगों को सेना में कभी भी भर्ती नहीं मिलेगी।