इस गांव में आज भी रामराज्य है, घर में लोग ताले नहीं लगाते फिर भी एक भी अपराध नहीं हुआ

जब भी आप घर से बाहर जाते हैं तो घर में ताला लगाना पड़ता है। आम घर पर ताला लगाकर जाते हैं लेकिन बाहर हम…

जब भी आप घर से बाहर जाते हैं तो घर में ताला लगाना पड़ता है। आम घर पर ताला लगाकर जाते हैं लेकिन बाहर हम यही सोचते हैं कि हमारे घर में कहीं चोर तो नहीं घुस गए होगे ना। यह सभी के अंदर एक डर बैठा रहता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां लोग हमेशा बिना ताला लगाए बाहर निकलते रहते हैं। लोग कितनी भी देर घर से बाहर क्यों न हों, वे कभी भी घर में ताला नहीं लगाते हैं। आपको बता दें कि ऐसा आजकल नहीं हो रहा है बल्कि इस गांव में सालों से ऐसा हो रहा है।

इस गांव में आपको एक भी घर ऐसा नहीं मिलेगा जहां किसी ने अपने घर में ताला लगा दिया हो और बाहर चला गया हो। यह गांव राजस्थान के कोटा संभाग के बूंदी जिले में है। इस गांव का नाम केशवपुरा है। यहां के लोग कभी भी अपने घर में ताला लगाकर बाहर नहीं जाते हैं। इस गांव में चोरी जैसी कोई घटना नहीं होती है। तो हम कह सकते हैं कि यहां चोरी का कोई डर नहीं है।

ये लोग इतने कॉन्फिडेंट होते हैं कि घर को खुला छोड़ कर बाहर निकल जाते हैं। यह इस गांव के लोगों की आस्था के कारण ही संभव हो पाया है। चोरी या अपराध जैसी चीजें इस गांव में कभी नहीं होती, यहां रहने वाले लोगों का यह भी कहना है कि इस गांव में सालों से कोई अपराध नहीं हुआ है।

इस गांव में लोग भाईचारे की भावना की एक अलग ही मिसाल पेश करते हैं। लोगों का कहना है कि इस गांव में सभी लोग बड़े आराम से रहते हैं। यहां के लोगों के बीच काफी प्यार है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस गांव में विवाद होने पर भी वे कोर्ट या थाने नहीं जाते, बस एक-दूसरे से बात करके ही सब कुछ सुलझा लेते हैं।

यहां के लोग जीवन गुजारे के लिए पशुपालन का काम करते हैं। इस गांव की बात करें तो यहां की आबादी करीब एक हजार है। इस गांव में गुर्जर, माली और मेघवाल समुदाय के लोग अपना जीवन व्यतीत करते हैं। कहा जाता है कि इस गांव में आज तक कभी चोरी, डकैती, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं नहीं हुई हैं. ग्रामीण कभी अपने घर में ताला नहीं लगाते। लोग वहीं जाते हैं जहां वे स्टॉपर के साथ जाना चाहते हैं।