यह माता जी के फोटो पर जो कोई भी माल लिखकर शेयर करेगा उन सभी की मनोकामनाएं सिर्फ 7 दिन में पूरी हो जाएगी। ऐसे कई सारे व्यक्तियों की मनोकामनाएं इस फोटो ने पूरी की है इसलिए आप लोग भी शेयर करके अपनी मनोकामनाएं पूरी करें।
माताजी जाति के चरवाहे थे। उनके पिता का नाम ममड़िया या ममैया था और उनकी माता का नाम देवलबा या मीनाबाई था। उनकी सात बहनें और एक भाई था। उनके नाम अवध, जोगड़, तोगड़, बिजबाई, होल्बाई, संसाई, जनबाई और भाई मेरखियो या मेरखो थे। उनका वाहन मगरमच्छ है।
उनका जन्म 8वीं शताब्दी में महासूद के 8वें दिन हुआ था, इसलिए उस दिन जयंती मनाई जाती है।गाँव में ममदिया नाम का एक चरवाहा रहता था। वे पेशे से मालधारी थे और भगवान शिव के प्रबल उपासक थे। उनकी पत्नी देवलबा भी बहुत दयालु और भगवान के प्रति समर्पित थीं।
मालधारी होने के कारण दुजाना के कारण लक्ष्मी घर पर नहीं थी। लेकिन गड्ढा न खोद पाने का गम देवलबा को ठीक कर रहा था। ममड़िया और देवलबा दोनों उदार, दयालु और दयालु थे। दंपति का यह अलिखित नियम था कि वे कभी भी खाली हाथ या भूखे नहीं लौटेंगे।