CBI ने ABG शिपयार्ड और उंकव डायरेक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया। 28 बेंकों और नाणा संसथनोंने क्रेडिट फेसिलिटीज़ का दुरुपयोग किया गया। CBIने शनिवार को अभी तक के सबसे बड़े 22,842 करोड़ के बेंक घोटालेका केस दर्ज किया है। गुजरात के सूरत – दहेज की कंपनी ABG शिपयार्ड के पूर्व चेरमेन और मेनेजिंग डिरेक्टर रिशी कमलेश अग्रवालने स्टेट बेंक ऑफ इंडिया नेतृत्व में बेंकौ के साथ छेतरपिंडी करने का आरोप लगाया गया है। ABG शिपयार्ड जहाजो के निर्माण और मरम्मत के लिए जानी जाती हुए कंपनी है। कंपनीको 28 बेंकों और नाणा संसथनों ने क्रेडिट फेसिलिटीज़ दी गई थी। कंपनीने उसमे से स्टेट बेंक के पास से 2,468 करोड़ लिए थे।
CBI ने ऋषि अग्रवाल के अलावा कंपनी के कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी और निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार और रवि विमल नवतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पहली बार 9 नवंबर, 2016 को ABG शिपयार्ड के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। CBI ने शिकायत के संदर्भ में 13 मार्च, 2020 को स्पष्टीकरण मांगा था। बेंक ने बीते साल के अगस्त महीने में CBIको नई शिकायत दर्ज की थी। उस शिकायत पर देध साल कारवाई करने के बाद 7 फरवरी को कंपनी पर FRI दर्ज हुई।
18 जनवरी 2019 को अनसत एंड यंग कंपनी द्वारा प्रस्तुत फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में, आरोपी ने 2012 से 2017 तक धन के गबन, आपराधिक राजद्रोह जैसे कुछ आरोप लगाए थे। यह अपराध की सीमा और इसमें शामिल राशि को देखते हुए CBI द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक घोटाला माना जाता है। CBI ने कहा कि पैसे का इस्तेमाल उन उद्देश्यों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था जिसके लिए बैंकों से पैसा निकाला गया था। स्टेट बैंक की CBI को शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कंपनी पर विभिन्न बैंकों का पैसा लगाया गया है। सूत्रो के मुताबिक, स्टेट बैंक के 3 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई ( ICICI ) बैंक के 206 करोड़ रुपये, आईडीबीआई ( IDBI ) बैंक के 3 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा के 1,412 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक के 15 करोड़ रुपये और इंडियन ओवरसीज बैंक के 12 करोड़ रुपये हैं।