बुधवार के नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों का अंतिम संस्कार दंतेवाड़ा(Dantewada) जिले के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है. इनमें से एक के अंतिम संस्कार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(Communist Party of India) – माओवादी ने 27 अप्रैल को एक बयान जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के अरनपुर में हुए नक्सली हमले के पीछे उसका हाथ है। भाकपा-माओवादी की दरभा शाखा ने अपने पत्र में हमले को ‘वीरतापूर्ण’ कार्य बताया है। इसके साथ ही इसे छत्तीसगढ़ के आदिवासी नागरिकों पर सरकार और सुरक्षा बलों के अत्याचारों का बदला माना गया।
लेकिन जब भाकपा-माओवादी यह बयान लिख रही थी, तब बुधवार के नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों का अंतिम संस्कार दंतेवाड़ा जिले के अलग-अलग हिस्सों में किया जा रहा था. इनमें से एक के अंतिम संस्कार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
ये मार्मिक तस्वीर दंतेवाड़ा जिले के कासोली गांव की है । नक्सल हमले में शहीद जवान लखमू मरकाम की पत्नी चिता की लकड़ी पर लेटी हुई हैं । अपने जीवनसाथी का शव जलता हुआ देखने की हिम्मत नही है उनमे । शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़े लोग अमर जवान के नारे लगाते रहे । pic.twitter.com/ppFgEbst2V
— Avinash prasad (@Avinash54932908) April 27, 2023
शहीद पति की पत्नी चिता पर सो गई
इस तस्वीर में एक महिला चीते के पेड़ पर सोती नजर आ रही है। एक पत्रकार अविनाश प्रसाद ने ट्विटर पर तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि महिला हमले में शहीद हुए डीआरजी जवान लखमू राम मरकाम की पत्नी है. अविनाश ने लिखा है कि लखमु मरकाम की पत्नी में अपने पति के शव को जलते हुए देखने की हिम्मत नहीं थी, इसलिए वह खुद उसके सामने चिता पर लेट गई ताकि उसके पति का शव उस पर न रखा जाए।
यह दुखद तस्वीर दंतेवाड़ा जिले के कसौली गांव की है.नक्सली हमले में शहीद हुए लखमू मरकाम की पत्नी चीते की लकड़ी पर लेटी है.पति के शव को जलते हुए देखने की उसकी हिम्मत नहीं है. अंतिम यात्रा में शामिल लोग अमर जवान के नारे लगाते हैं।
इस वीडियो को ध्यान से देखिये । 26 अप्रेल को दंतेवाड़ा में नक्सल हमले में शहीद 10 जवानो में लखमू मरकाम भी शामिल थे । जब उनका शव गृह ग्राम कसोली पहुंचा तो उनकी पत्नी चिता पर लेट गयी । अपने जीवनसाथी को अग्नि में भस्म होता देखने की हिम्मत नही थी उसमें । pic.twitter.com/Nszghs7R1z
— Avinash prasad (@Avinash54932908) April 27, 2023
बाद में अविनाश ने अपना वीडियो भी पोस्ट किया
शहीद लखमु राम मदकामी छत्तीसगढ़ के बीजापुर के रहने वाले थे। उनका घर थाना तहसील भैरमगढ़ के नीरम गांव में है। 5 जून 1984 को जन्मे लक्मू राम 29 जनवरी 2016 को डीआरजी में शामिल हुए। पिछले साढ़े छह साल से वह नक्सल विरोधी अभियान में अपनी भूमिका निभा रहे थे। 26 अप्रैल, 2023 को एक नक्सली हमले में उनकी मौत हो गई थी। लक्मू राम 39 साल के थे।
यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि, उनका अंतिम संस्कार किस गांव में किया गया था। वायरल ट्वीट में कहा गया है कि, अंतिम संस्कार दंतेवाड़ा के कसौली गांव में हुआ, लेकिन जिस ताबूत में उनका शव लाया गया, उसमें लखमू के निरम गांव का जिक्र है. सैकड़ों की संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन और श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे, जिन्होंने परंपरा के अनुसार जवान का अंतिम संस्कार किया।