आज हम जिस गांव के बारे में बताना चाह रहे हैं उस गांव में विदेश जाने वाले सभी लोगों की मनोकामनाएं होती है पूरी। करीब साढ़े आठ साल पहले गुजरात के जुलासन गांव में एक महिला सती हो गई थी और आज वह मौजूद है और लोगों के दर्द को दूर करती है. इतना ही नहीं इससे सती के विदेश यात्रा के भी रास्ते खुल जाते हैं। इस महिला की पूजा मंदिर (जुलासन मंदिर) में जुलासन गांव में देवी के रूप में की जाती है। इस मंदिर में लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं वहीं अगर किसी महिला के घर में पालना नहीं बनाया जाता है तो यहां आने का विश्वास कर उसके घर में पालना बनाया जाता है।
ग्रामीणों के अनुसार डोलो मां ने सती हो चुके कई लोगों की वास्तव में सफल विदेश यात्राएं की हैं और समय के साथ उनका मंदिर ग्रामीणों के सहयोग से बनाया गया है। यानी ऐसा ही एक मंदिर गुजरात के इस गांव में बनाया गया है। जहां दिन-रात मां की आरती की जाती है।फिर भगवान को भोग भी चढ़ाया जाता है।
यह गुजरात का एकमात्र मंदिर है जहां देवी डोलो की पूजा की जाती है। इस मंदिर के मध्य साईं में डोला माता की एक पत्थर की मशीन है और दाईं ओर डोला माता की मूर्ति है जबकि बाईं ओर सिद्धेश्वरी माताजी की मूर्ति है। डोला माता की इस मूर्ति को लेकर कई चमत्कार और कई सवाल हैं। किसका जवाब आप लोगों को आज तक नहीं मिला होगा।
गांव के लोगों का कहना है कि यह डोला माताजी सती हो गईं और गायब हो गईं। फिर फूलों का ढेर चला गया। इसे चमत्कार मानकर इस गांव के लोग यहां इसकी पूजा करने लगे। यहां के हिंदू मंदिरों में 700 से अधिक वर्षों से डोला माताजी की पूजा की जाती रही है। जब इस मंदिर से गांव के लोगों की कई मनोकामनाएं पूरी होने लगीं तो गांव के लोगों ने अपने पैसों से यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया।
डोला माता के यहां केवल एक पत्थर की मशीन हुआ करती थी लेकिन कहा जाता है कि डोला माताजी एक भक्त के सपने में आई थीं और उन्होंने ही अपना रूप दिखाया था। तब से लेकर आज तक वह सभी लोगों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। कई सारे ऐसे किस्से भी बने हैं कि जो लोग विदेश नहीं जा पाते हो वह लोग इस मंदिर पर आकर भगवान को प्रार्थना करते हैं तब इस सभी लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है