कब रुकेगी टारगेट किलिंग? शोपियां में कश्मीरी पंडित भाइयों पर आतंकियों ने बरसाईं गोलियां, एक की मौत दूसरा जख्मी

जम्मू कश्मीर में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है. एक बार फिर आतंकियों ने कश्मीरी पंडित को निशाना बनाकर हमला किया है। दो भाइयों…

जम्मू कश्मीर में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है. एक बार फिर आतंकियों ने कश्मीरी पंडित को निशाना बनाकर हमला किया है। दो भाइयों पर हुए हमले में एक की मौत हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला किया, जिनमें से एक भाई की मौत हो गई है. घटना शोपियां के चोटिगम में हुई।

आतंकियों ने सुनील कुमार और पिंटू कुमार पर हमला किया। जिसमें सुनील कुमार की मौत हो गई है। सुनील कुमार अर्जुन नाथ के पुत्र थे। जानकारी के मुताबिक सुनील कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पिंटू कुमार को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट किया, “घायल व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।”

बिहार के रहने वाले की गोली मारकर हत्या
जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा जिले में 12 अगस्त को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मृतक की पहचान बिहार के 19 वर्षीय युवक मोहम्मद अमरेज के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक घटना बांदीपोरा जिले के सदुनारा गांव की है.

कश्मीर में लगातार हमले 
घाटी में गैर-कश्मीरियों की आतंकियों द्वारा हत्या का सिलसिला जारी है। अप्रैल में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के काकरान इलाके में आतंकियों ने एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसकी पहचान सतीश सिंह राजपूत के रूप में हुई है।

कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों ने भी स्थानीय लोगों को यहां से जाने की चेतावनी दी थी. कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं से सरकारी कर्मचारी, प्रवासी मजदूर खतरे में हैं। हाल के दिनों में आतंकवादी टीवी कलाकारों, बैंक कर्मचारियों, सरकारी कर्मचारियों को भी निशाना बना रहे हैं।

कश्मीरी पंडितों को बनाया जा रहा है निशाना
गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों से आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है. एक ही कड़ी में दोनों कश्मीरी पंडित भाइयों को निशाना बनाया गया है. दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सालों से कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है. 31 मई को जम्मू में रजनी बाला नाम की शिक्षिका की हत्या कर दी गई थी। इससे कश्मीरी पंडितों में हड़कंप मच गया।