नाखूनों में ये बदलाव आइए तो हो जाइए सावधान,क्या ये है कोरोना वायरस के नए लक्षण

कोरोना वायरस के नए लक्षण बुखार, खांसी, थकान और स्वार्थ तथा गंध के एहसास में कमी है.त्वचा में भी कोरोना के लक्षण देखे गए हे.…

कोरोना वायरस के नए लक्षण बुखार, खांसी, थकान और स्वार्थ तथा गंध के एहसास में कमी है.त्वचा में भी कोरोना के लक्षण देखे गए हे. लेकिन शरीर का एक ओर हिस्सा है जहां वायरस का प्रभाव पड़ता है ओर वह हे आपके नाखून. कोविद 19 संक्रमण के बाद,कुछ रोगियों के नाखूनों का रंग फीका पड़ जाता है या कई सप्ताह बाद उनका आकार बदलने लगता है – इसे कोविड नाखून कहा जाता है.एक लक्षण नाखूनों के आधार पर लाल रंग की अर्ध चंद्र की आकृति बनना है.ऐसा लगता है की यह कोविड से जुड़ी नाखून की अन्य शिकायतों से पहले ही मौजूद था, रोगियों ने कोवीड संक्रमण का पता लगने के दो सप्ताह से भी कम समय में इसे देखा हे.

कुछ रोगियों ने अपने हाथ और पैरों की उंगलियां को नाखूनों के आधार में नई अलग तरह की रेखाएं भी देखी जो अमूमन कोविड-19 संक्रमण के चार सप्ताह या उससे अधिक समय बाद दिखाई देती है. सामान्य रेखा यह तब होती है जब किसी तरह के शारीरिक तनाव, जैसे संक्रमण, कुपोषण या कीमोथेरेपी आदि के दुष्प्रभाव के कारण नाखून की बढ़वार में अस्थाई रुकावट होती है.

अब यह कोविड 19 की वजह से भी हो सकते है.नाखून औसतन हर महीने 2 मिमी से 5 मिमी के बीच बढ़ते है, शारीरिक तनाव होने के चार पांच सप्ताह बाद ये रेखाये ध्यान देने योग्य हो जाती है.जैसे जैसे नाखून बढ़ता है, उनका पता चलता है. इसलिए तनावपूर्ण घटना के समय का अनुमान ये देखकर लगाया जा सकता है की यह रेखाएं नाखून के आधार से कितनी दूर है. इन रेखाओं के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, क्योंकि समस्या का समाधान होने पर यह ठीक होने है.

हालाकि इन तीनो स्थितियों में सभी में नाखूनों में होने वाले परिवर्तन को हम कोविड 19 के संक्रमण से जोड़कर देख तो रहे हैं,लेकिन हमारे पास प्रत्येक मामले में गिने-चुने रोगी है, इसलिए यह कहना संभव नहीं है की तीनो का इस स्थिति से कोई संबंध न हो.दर असल इस तरह के लक्षणों को कोविड़ 19 के लक्षणों से निश्चित रूप से जोड़ने की पुष्टि के लिए अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है.हमे इसके लिए कई ओर मामलो की आवश्यकता होगी.