आज हम जो मामला बताने वाले हैं वह बिहार के भागलपुर का है। आप बोल उठेंगे की इस शख्स के साथ जो हुआ है वह किसी के साथ ना हो। इस शख्स को देखकर उनकी मां रोज होती है। यह जोक्स अपने इलाज के लिए कुछ पैसे इकट्ठा कर रहा था और थोड़े पैसों से उसका इलाज नहीं हो पाया इसलिए वह अपने घर में 30 सालों से कैदी की जैसी जिंदगी काट रहा है। आपने तो सुना होगा कि कैदियों को जेल में कैद किया जाता है। लेकिन यह तो आरोपी नहीं है फिर भी वह 30 साल से जेल की रहता है।
हॉट साल केंद्र सरकार स्वास्थ्य के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है। और करोड़ों रुपए गरीब और लोगों में बांट भी देती है। लेकिन सच्ची हकीकत तो आज हमें सुनने मिल रही है कि एक गरीब शख्स को सही तरीके से इलाज ना मिलने से वह 30 साल से अपने घर में केद है।
दरअसल इस शख्स की बीमारी की बात करें तो वह सिजोफ्रेनिया नाम की बीमारी से पीड़ित है। जिसका इलाज मुनकिन है लेकिन उसमें बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ती है। इसमें बिहार में तो कई सारे सरकारी अस्पताल है लेकिन कोई भी सरकारी अस्पताल ने इसकी तो तपास नहीं की इसलिए आज वह यह बीमारी से पीड़ित ही है। अपने ही घर के शख्स का नाम अली हसन है।
उसको मानसिक बीमारी थी। इसलिए उसकी मां ने उसे अपने घर में कैद कर लिया लेकिन उसकी मां को पता नहीं था कि यह बीमारी कभी 30 साल भी चलेगी। मां बुजुर्ग है वह पहले लोगों का घर जाकर काम करती थी। इसलिए वह अपने बेटे को एक कमरे में बंद कर कर चली जाती थी। लेकिन उसके बेटे का इलाज नहीं हुआ और आज यह हालत में है।