94 वर्षीय भारतीय देवी डागर ने ‘यदि आप मालवा जाना चाहते हैं’ कहावत का एक जीवंत उदाहरण प्रदान किया है। 94 वर्षीय देवी ने विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एक स्वर्ण पदक और दो कांस्य पदक जीते हैं। हरियाणा की भगवानी देवी ने 94 साल की उम्र में फिनलैंड में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने चैंपियनशिप में गोल्ड के अलावा दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं। भगवान की देवी ने विदेशों में भारत का तिरंगा फहराया है।
94 साल की उम्र में यह कारनामा कर भगवान सबके लिए प्रेरणा बन गए हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। यदि किसी व्यक्ति में कुछ भी करने की इच्छा शक्ति हो तो वह अवश्य ही सफल होता है। हरियाणा के भगवान की देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है।
94-year-old Bhagwani Devi Dagar won a gold and 2 bronze for India at the World Masters Athletics championships 2022 in Finland, yesterday pic.twitter.com/JRPZrBDSAK
— ANI (@ANI) July 11, 2022
भगवान की देवी ने फिनलैंड के टाम्परे में आयोजित 100 मीटर स्प्रिंट में सिर्फ 24.74 सेकेंड में खेल खत्म कर स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही उन्होंने शॉटपुट प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है। खेल मंत्रालय ने भगवान देवी को उनकी शानदार जीत के लिए बधाई दी है। मंत्रालय ने उनकी तस्वीर के साथ बधाई संदेश लिखा है।
खेल मंत्रालय ने ट्वीट किया, “भारत की 94 वर्षीय भगवान देवी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उम्र कोई बाधा नहीं है! उन्होंने टेम्परा में #WorldMastersAthleticsChamberships में 24.74 सेकेंड में 100 मीटर स्प्रिंट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।
India’s 94-year-old #BhagwaniDevi Ji has yet again proved that age is no bar!
She won a GOLD medal at the #WorldMastersAthleticsChampionships in Tampere in the 100m sprint event with a timing of 24.74 seconds.?She also bagged a BRONZE in Shot put.
Truly commendable effort!? pic.twitter.com/Qa1tI4a8zS
— Dept of Sports MYAS (@IndiaSports) July 11, 2022
हरियाणा के भगवान की देवी ने फिनलैंड के टाम्परे में आयोजित चैंपियनशिप में महज 24.74 सेकेंड के समय के साथ 100 मीटर में स्वर्ण पदक जीता। इतना ही नहीं वह शॉटपुट में कांस्य पदक भी जीतने में सफल रहे हैं। भगवान देवी की सफलता पर खेल मंत्रालय ने कहा कि सफलता की राह में उम्र का कोई बंधन नहीं होता।
विशेष रूप से, विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 1975 में शुरू हुई थी। इस चैंपियनशिप में 35 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी हिस्सा ले सकते हैं।