उतरप्रदेश की राजनीति बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योकि उतरप्रदेश की राजनीति ही भारत की राजनीति तय करती है। गत चुनाव मे भाजपा को UP के इतिहास की सबसे बड़ी जीत मिली थी। भाजपा ने 325 सीटो को जीतकर नया कीर्तिमान रच दिया था। भाजपा ने एक संत योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाकर भारतीय राजनीति को भगवा रंग से रंग दिया था। योडी अदित्यनाथ ने भी गुंडा राज खतम करने के लिए कई सारे एकाउंटर करवाए।
गत चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी के चेहरे पर लड़ा गया था। लेकिन इस बार की मुहर योडी आदित्यनाथ के कामो पर पड़ेगी अगर भाजपा जीतती है तो। योगी आदित्यनाथ की जीत न हो उसके लिए सभी सेकुलर दलो ने अपनी पूरी कौशिश लगा दी है। हाल ही मे कुछ दिन पहेले भाजपा के तीन मिनिस्टर और 11 विधायको ने भाजपा छोडकर समाजवादी पार्टी का दमन थामा था। उसमे बड़े OBC नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल थे।एसा माना जाता है की उनका भाजपा को छोडना भाजपा के लिए बड़ा नुकसान था।
लेकिन भाजपा ने भी आज नेहले पे दहेला मारा है। आज मुलायम यादव की बहू और अखिलेश यादव की भाभी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। कोई समाज वादी नेता भाजपा जॉइन करता वहा तक ठीक था। लेकिन यादव परिवार का ही एक सभ्य भाजपा मे जाए यह बहुत बड़ी खोट समाजवादी पार्टी को है। विरोधी अब यह भी मुद्दा बना रहे है की “अर्पणा यादव को भी पता है की बहन बेटी भाजपा राज मे ही सुरक्षित है।
क्या अखिलेश यादव उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए, इसलिए बीजेपी में जाने का फैसला किया? इसपर अपर्णा यादव ने कहा कि ऐसी बात नहीं है. मैं बस यह कहना चाहती हूं कि मैंने हमेशा राष्ट्र को हमेशा धर्म माना है. हमेशा राष्ट्र के लिए ही फैसला लिया है. यह मेरी नई पारी है. मैं पीएम मोदी, सीएम योगी से बहुत प्रभावित हूं. उनकी नीतियां मुझे नैतिक रूप से भाती हैं, इसलिए मैंने बीजेपी ज्वाइन की.