रूस-यूक्रेन युद्ध(Russia-Ukraine war) के बीच एक समय ऐसा भी आया जब सब कुछ खत्म होता दिख रहा था। वहां फंसे हजारों भारतीय छात्रों का क्या होगा? क्या वे ठीक होंगे? ऐसे में भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की और युद्धग्रस्त इलाके से अपने लोगों को एयरलिफ्ट किया. इस विशेष अभियान को अंजाम देने में सरकार के साथ-साथ साहसी भारतीय पायलटों(Indian pilot) का भी बहुत बड़ा योगदान है। इन्हीं पायलटों में से एक हैं महाश्वेता चक्रवर्ती।(Mahasweta Chakravarti)
24 साल की महाश्वेता ने हिम्मत, जोश और सूझबूझ से न सिर्फ विमान को युद्धग्रस्त इलाके में उतारा बल्कि वहां से 800 लोगों की जान बचाने में भी कामयाब रही. महाश्वेता ने 800 भारतीयों को पोलैंड-हंगरी सीमा के पार सुरक्षित भेज दिया।
मिली जानकारी के अनुसार महाश्वेता कोलकाता की रहने वाली हैं. वह बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष तनुजा चक्रवर्ती की बेटी हैं। भाजपा ने उनके साहसिक कार्य की प्रशंसा की है। भारतीय जनता पार्टी ने एक ट्वीट कर महाश्वेता की तारीफ की है। ट्वीट में कहा गया है कि कोलकाता की 24 वर्षीय पायलट महाश्वेता चक्रवर्ती ने पोलैंड-हंगरी सीमा से 800 से अधिक भारतीयों को बचाया था।
24 फरवरी को हुआ था हमला:
24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया। जब तक युद्ध छिड़ा, तब तक 18,000 से अधिक भारतीय यूक्रेन में फंस गए थे। भारतीयों को निकालने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन गंगा के हिस्से के रूप में वायु सेना के विमानों को पोलैंड, हंगरी और रोमानिया भेजा गया और भारतीयों को निकाला गया। इस बीच, महाश्वेता अपने साहसिक कार्य के माध्यम से पोलैंड-हंगरी सीमा से लगभग 800 छात्रों को भारत वापस ले आई।