3 दिन पहले ही पिता बने और नक्सली हमले में साथी के साथ शहीद हुए SI- नवजात बेटे का मुंह भी नहीं देख पाए

Two jawans encounter in Jharkhands: पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो में सोमवार देर शाम सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के एक इंस्पेक्टर और 1 महिला शहीद हो गये. शहीद सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार तुम्बाहका और सरजंबुरु जंगल के रास्ते में 1 करोड़ के इनामी नक्सली मिस्री दस्ते(Two jawans encounter in Jharkhands) के साथ इस मुठभेड़ में नक्सलियों से लड़ रहे थे. गौतम 2012 बैच के अधिकारी थे.

उसे 7-8 गोलियां लगीं, जबकि सिपाही 4 गोली लगने की बात बता रहा है। शहीद एसआई पलामू जिले के रहने वाले हैं. चाईबासापी एस ने मुठभेड़ में 2 लोगों के शहीद होने की पुष्टि की है. यहां हम एक बार फिर बिरादरियों के शव उठाने की घटना की बात कर रहे हैं, क्योंकि झारखंड जगुआर का मुख्यालय रांची में है. बता दें कि सोमवार शाम 6 बजे मुठभेड़ हुई है और दोनों तरफ से मध्यमार्गी राउंड फायरिंग हो रही है.

11 अगस्त की मुठभेड़ के बाद जवान एक्शन में थे
चार दिन पहले 11 अगस्त को इन्हीं इलाकों में एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सीआरपीएफ 60 बटालियन के जवान सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गए थे. जब एक जवान घायल हो गया. जिसका इलाज रांची में चल रहा है.

नक्सली स्वतंत्रता दिवस को काला दिवस के रूप में मनाते हैं
स्वतंत्रता दिवस को नक्सली काला दिवस के रूप में मनाते हैं और नक्सलियों द्वारा काले झंडे फहराने के साथ-साथ हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के भी रिकॉर्ड हैं.

मुठभेड़ के दौरान 5 जवान लापता बताये जा रहे हैं
सोमवार शाम को सुरक्षा बल के जवान तुम्बाका और सरजमुबुरु सड़क पर गश्त कर रहे थे. इसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर फायरिंग कर दी. फायरिंग के बाद जवानों ने भी फायरिंग की. लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर नक्सली जंगल में भाग गये.

मुठभेड़ रुकने के बाद जब जवानों की तलाश शुरू की गई तो पता चला कि सीआरपीएफ के तीन जवान और झारखंड जगुआर के दो जवान लापता हैं. इसके बाद तलाश शुरू हुई. इसी बीच सीआरपीएफ के तीन जवान वापस लौट आये. लेकिन देर रात झारखंड जगुआर जवानों के शव मिले.

अमित कुमार तिवारी तीन दिन पहले पिता बने हैं
अमित कुमार तिवारी तीन दिन पहले पिता बने हैं. उन्होंने फोन पर परिवार के सदस्यों को बताया कि अभियान जारी है और जब अभियान खत्म हो जाएगा तो वे वापस आएंगे और अपने बेटे का चेहरा देखेंगे और फिर कभी अपने बेटे का चेहरा नहीं देखेंगे.

मिसिर बेसरा कोल्हान के जंगल में ही एक करोड़ का इनामी मौजूद है
कोल्हान के जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जहां एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा और अन्य मौजूद हैं. 11 अगस्त की मुठभेड़ में मिसिर बेसरा का कैंप तबाह होने के कारण कोल्हान में उसकी मौजूदगी की आशंका है. पुलिस अधिकारियों को है संदेह वन एसपी आशुतोष शेखर का कहना है कि मिसिर बेसरा अपने दस्ते के साथ इस जंगल में मौजूद हैं.

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