मधुमेह: आयुर्वेद में इंसुलिन पौधों का बहुत महत्व है। इसका वैज्ञानिक नाम कैक्टस पिक्टस है। इसे क्रेप जिंजर, केमुक, क्यू, किकंद, कुमुल, पकरमूला और पुष्करमूला जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। इसकी पत्तियों का स्वाद खट्टा होता है। हालांकि, यह निश्चित रूप से मधुमेह रोगियों को राहत प्रदान कर सकता है।
शुगर कंट्रोल करने में मददगार:
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के अलावा खांसी, जुकाम, त्वचा में संक्रमण, आंखों में संक्रमण, फेफड़ों के रोग, अस्थमा, दस्त, कब्ज आदि में भी इसका उपयोग किया जाता है। कई तरह की बीमारियों में एक पत्ता आपके काम आ सकता है।
ब्लड शुगर के लक्षण:
जब ब्लड शुगर बढ़ जाता है, तो व्यक्ति ठीक से सो नहीं पाता है, बहुत प्यास लगती है, धुंधली दृष्टि होती है और बार-बार पेशाब आता है। दूसरी ओर, रक्त शर्करा कंपकंपी, भूख न लगना, पसीना, बेचैनी और चिड़चिड़ापन का कारण बनता है।
ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करेगा पानी:
पानी भी ब्लड शुगर लेवल को कम करने का सबसे आसान तरीका है। अगर आप पानी पीते हैं तो यह आपके शुगर लेवल को भी नियंत्रित रखता है। आपको बता दें कि किडनी पानी के जरिए शरीर से टॉक्सिन और इंसुलिन को बाहर निकालने का काम करती है।