हाल ही में आईपीएल का फाइनल मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हुआ था। आपको मैच देखना जाना होता तो भी आप को टिकट नहीं मिलती क्योंकि ब्लैक में इतनी टिकट सारे बिक गई थी । ब्लैक में टिकट बेचने वाले मामले में पुलिस ने 1 छात्रों को गिरफ्तार किया है।
19 वर्षीय जो छात्र शहर में आईपीएल 2022 फाइनल में पैसा कमाना चाहता था। सोशल मीडिया के जरिए ब्लैक में टिकट बेचने से पहले ही उन्हें साइबर क्राइम सेल ने रोक दिया था। आईपी एड्रेस के आधार पर गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच आईपीएल फाइनल के 10 टिकटों की कालाबाजारी करने के आरोप में पुलिस ने युवक को गिरफ्तार किया।
सूत्रों अनुसार जानकारी मिली है कि आईपीएल टिकटों की कालाबाजारी को रोकने के लिए शहर की पुलिस और साइबर सेल की कोशिश के तहत युवक को गिरफ्तार किया गया था। डीसीपी जोन-2 ने अवैध रूप से आईपीएल टिकट बेचने वालों को पकड़ने के लिए 17 टीमों का गठन किया था।
पुलिस ने कहा कि साइबर क्राइम सेल संभावित कालाबाजारी करने वालों की जांच के लिए इंटरनेट पर सर्फिंग कर रहा था, एक व्यक्ति को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 90,000 रुपए की आईपीएल टिकट बेचते पाए गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ”पुलिस ने उस डिवाइस के आईपी लॉग एड्रेस की पहचान की जिससे युवक टिकट बेचने की कोशिश कर रहा था और पुलिस ने एक टीम तैयार करके उसको पकड लिया।
फिर युवक गिड़गिड़ाने लगा। युवक ने पुलिस को बताया कि वह एक पेइंग गेस्ट के रूप में रहता था और अक्सर रात के खाने के लिए एक रेस्तरां में जाता था, जहां उसकी मुलाकात एक व्यक्ति से होती थी। वह 35,000 रुपये के 10 आईपीएल टिकट 80,000 रुपये में बेचना चाहते थे। बता दें कि यह युवक अभी बीकॉम में पढ़ रहा है, उसने टिकट खरीदा और फेसबुक के जरिए लोगों के सामने बात रखी। कई सारे लोगों ने उसे रिप्लाई भी किया। फिर उसने उन लोगों को टिकट बेचने की बात की वह भी 90,000 में बेचने की कोशिश की। लेकिन वह सफल नहीं हो पाया उससे पहले पुलिस ने उसे पकड़ लिया।