पोछा लगाने से 5 छक्के लगाने तक की सफर, नौकरी छोड़ थाम लिया था बैट… -जाने Rinku Singh के संघर्ष की कहानी

इस समय देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में आईपीएल(IPL) का उत्साह चल रहा है, हर टीम जीत के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही…

इस समय देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में आईपीएल(IPL) का उत्साह चल रहा है, हर टीम जीत के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है और दर्शकों को एक के बाद एक रोमांचक मैच भी देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक मैच कल गुजरात टाइटंस और कोलकाता नाइट राइडर्स(GT vs KKR) के बीच हुआ था। जिसमें KKR की टीम ने मैच के आखिरी ओवर में गुजरात को 3 विकेट से हरा दिया।

इस जीत के हीरो रहे कोलकाता के रिंकू सिंह(Rinku Singh)। जिन्होंने आखिरी ओवर में 5 छक्के लगाकर इतिहास रच दिया और मैच के आखिरी ओवर को जहां KKR कभी हारती नजर आ रही थी, उसे जीत में बदल दिया. रिंकू सिंह ने अपना एक-एक छक्का अपने परिवार को समर्पित किया है जो उनके लिए लड़े। रिंकू सिंह की कहानी भी संघर्षों से भरी रही है। उनकी कहानी ने भी कई आंखों को नम किया है.

Rinku Singh का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था और वह 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। रिंकू के पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह गैस सिलेंडर की डिलीवरी करता था। वहीं रिंकू को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था, लेकिन उनके पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा इस खेल में समय बर्बाद करे. जिससे रिंकू को कई बार पीटा गया।

इसके बावजूद रिंकू ने क्रिकेट खेलना जारी रखा। दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट में उन्हें इनाम के तौर पर एक बाइक मिली थी, जो उन्होंने अपने पिता को दी थी। इससे Rinku Singh की पिटाई बंद हो गई, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब बनी रही। ऐसे में रिंकू ने नौकरी करने का फैसला किया। रिंकू ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था, जिसके चलते उसे एक कोचिंग सेंटर में सफाई कर्मचारी की नौकरी मिल गई। रिंकू का इस काम में मन नहीं लगा और उन्होंने कुछ ही दिनों में इस नौकरी को अलविदा कह दिया।

इसके बाद Rinku Singh ने अपना ध्यान क्रिकेट पर लगाया, जिससे उनका करियर उज्ज्वल हो सके। दो लोगों मोहम्मद जियोशान और मसूद अमीन ने रिंकू सिंह के करियर को नई उड़ान देने में मदद की। मसूद अमीन ने रिंकू को बचपन से ही क्रिकेट की ट्रेनिंग दी है, वहीं जीशान ने अंडर-16 ट्रायल्स में दो बार फेल होने के बाद इस क्रिकेटर की काफी मदद की थी. इस बात का खुलासा खुद रिंकू सिंह ने भी एक इंटरव्यू में किया था।

Rinku Singh की मेहनत आखिरकार रंग लाई जब उन्हें 2014 में उत्तर प्रदेश के लिए लिस्ट-ए और टी20 क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला। रिंकू सिंह ने पंजाब के खिलाफ दो साल बाद प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया। उसके बाद से रिंकू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। आईपीएल 2017 की नीलामी में रिंकू को किंग्स इलेवन पंजाब ने 10 लाख रुपये में खरीदा था। हालांकि, उस सीजन में उन्हें सिर्फ एक ही मैच खेलने को मिला था।

2018 सीजन में Rinku Singh को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया था. तब से वह केकेआर से जुड़े हुए हैं। हालांकि, आईपीएल 2021 सीजन में वे घुटने की चोट के कारण एक भी मैच नहीं खेल सके थे। रिंकू को केकेआर ने IPL 2022 की मेगा नीलामी में 55 लाख रुपये में खरीदा था। रिंकू ने आईपीएल में अब तक 20 मैच खेले हैं और 24.93 की औसत से 349 रन बनाए हैं। IPL 2022 में लखनऊ के खिलाफ मैच में रिंकू ने महज 15 गेंदों में 40 रन बनाए, जिसके बाद रिंकू की पारी चरमरा गई।