इस मंदिर के कण-कण में बसते हैं श्री राम! इस चमत्कारी मंदिर में भक्तो की सभी मनोकामनाए होती है पूर्ण

इंदौर: सनातन धर्म को मानने वाले लोग तरह-तरह की पूजा करते हैं. उत्तर से लेकर दक्षिण तक सबके पूजा करने के तरीके अलग-अलग हैं। भारतीय…

इंदौर: सनातन धर्म को मानने वाले लोग तरह-तरह की पूजा करते हैं. उत्तर से लेकर दक्षिण तक सबके पूजा करने के तरीके अलग-अलग हैं। भारतीय संस्कृति में पशुओं को जल, भूमि, पेड़-पौधों से जोड़कर भी पूजा जाता है। 33 करोड़ देवी-देवताओं में आस्था रखने वाला सनातन धर्म अपने आप में बहुत समृद्ध है। आपने कई अनोखे मंदिर देखे होंगे, लेकिन अब हम आपको मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं,

जो अपने आप में अनोखा है। इंदौर का निरालधाम वाकई अनोखा है। मंदिर की दीवार से लेकर पत्थर तक और खंभे से लेकर शीशे तक हर जगह सिर्फ और सिर्फ श्री राम लिखे हैं, मतलब कण-कण में भगवान राम। इतना ही नहीं यहां दर्शन करने के लिए भक्तों को कागज पर 108 बार श्री राम लिखना होता है उसके बाद ही वे दर्शन कर पाते हैं।

खास बात यह है कि यह नियम आम लोगों से लेकर बड़े वीआईपी तक पर लागू होता है। मान्यता है कि यहां 108 बार श्री राम लिखे बिना दर्शन पूर्ण नहीं होते हैं। इस मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हनुमान हैं, कोषाध्यक्ष कुबेर हैं और मंदिर परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद यमराज लेते हैं। भोले शंकर को सचिव बनाया गया है।

तो वहाँ चित्रगुप्त हिसाब देखते हैं। इस अनोखे मंदिर में लंकापति रावण की भी पूजा की जाती है। भक्तों का मानना ​​है कि रामायण के हर पात्र की पूजा होती है, इसलिए रावण की भी पूजा की जानी चाहिए। मंदिर परिसर में रामायण के हर पात्र की मूर्तियां हैं। इन सभी वर्णों की पूजा की जाती है। मंदिर में हनुमान की कई मूर्तियां हैं,

जिनमें सबसे खास 251 फीट ऊंची मूर्ति है जो आकर्षण का केंद्र है। वहीं, यहां गणेश जी की एक मूर्ति भी है, जिसकी सूंड से 24 घंटे जल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। रामलीला मंदिर के अंदर है, और मंदिर के बाहर कृष्ण के एक विशाल रूप को दर्शाया गया है।

मंदिर के पुजारी प्रकाश वागलेचा का कहना है कि जो भक्त निराला धाम आता है वह कभी निराश होकर नहीं लौटता है। श्री राम संपूर्ण लोक के कण-कण में निवास करते हैं और जो यहां आता है उसका पूर्ण कल्याण होता है।