सलाम है ऐसी महिला को: सरकारी नौकरी छोड़कर सड़क पर चलने वाले बेजुबानों का भर्ती है पेट

आप कहीं दान करने वाले इंसानों से मिले हो गए और उसके किस्से भी सुने होगे लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं वह…

आप कहीं दान करने वाले इंसानों से मिले हो गए और उसके किस्से भी सुने होगे लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं वह कुछ अलग ही है। हाल के दिनों में मध्य प्रदेश के एक प्राइमरी स्कूल टीचर विजय कुमार क्रोशिया का नाम काफी चर्चा का विषय बन गया है। विजय ने अपने रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पूरे 40 लाख रुपए गरीब और बेसहारा बच्चों के लिए दान कर दिए।

वह जख्मी कुत्ते जो चलना पा रहे हो उनके लिए खाना हासिल करना मुश्किल होता है और ऐसे कुत्तों के पास जाने से कई लोग घबराते भी है। ऐसे कुत्तों की सेवा यह करती है और उसे नहलाती भी है। वह कहती है कि 9 सालों पहले ऐसे ही एक कुत्ते को देखा था जिसकी रीड की हड्डी टूटी चुकी थी। और वह उस कुत्ते का इलाज कराने अस्पताल ले गई।

ऐसे ही वह दिन प्रतिदिन कुत्तों की सेवा करने लगी और उसको इस सेवा से लगाव हो गया। फिर उसने ठान ली कि मैं अपना सारा जीवन इस बेजुबान जानवरों की सेवा करने में ही गुजार दूंगी। और यह बात उसने अपने माता-पिता को भी बताई और माता-पिता भी खुश हो गए और उसका साथ दिया।

सरकारी नौकरी छोड़कर उसने यह फैसला लिया था इसलिए उसके कई सारे फैमिली वालों ने भी समझाया कि यह सब कामों में कुछ नहीं रखा है तुम अपनी सरकारी नौकरी फिर से शुरू कर दो लेकिन उसने तो ठान ली थी कि वह सड़कों पर चलने वाले बेजुबान जानवर की मदद करेगी इसलिए वह अपने विचार को लेकर खूब उत्साहित थी।

फिर वो NGO के अधिकारियों के साथ बातचीत करने लगी और अपने आसपास के और अपने शहर के सभी एनजीओ के अधिकारियों को एक साथ बिठाकर अपनी सारी बातें बताएं और सभी एनजीओ के अधिकारियों ने भी उसकी खूब प्रशंसा की और उसे कहा कि आप अपना काम करते रहो हम आपके साथ हैं।