दोस्तों आप सभीको हम माँ रूपल के बारे में बताना जा रहे हेI जो हर एक भक्त की मनोकाम न पूरी करती है| रूपल देवी वर्तमान देवी हैं। रूपल आई अपने दरवाजे पर आने वाले हर किसी का दर्द दूर कर देती है। रूपल I का जन्म एक बार्ड कबीले में हुआ था। रूपल प्रथम को चरण वंश की देवी माना जाता है।
आई को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। रूपल आईए ने मानव रूप में अवतार लिया है। ऐ परचा भी बहुत अपरंपरागत है।रूपल ऐ में बचपन से ही दैवीय शक्तियां थीं।
यह देख ग्रामीण भी हैरान रह गए। बचपन में रूपल इया अपने भक्तों को गण पर्चों का प्रदर्शन किया करती थी। वहां से लोगों ने मान लिया कि रुपेल मैं कोई साधारण महिला नहीं हूं। रूपल प्रथम ही असली देवी है। रूपल माँ आज भी मौजूद है।
रूपल माँ का ना केवल एक बल्कि चरण कुल में बल्कि सभी समाजों में सम्मान किया जाता है। आईना का आशीर्वाद लेने से ही भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं। रूपल आईए ने कई लोगों के मानस को पूरा किया है।
उन्होंने निःसंतानों को संतान भी दी है। मैं समाज के कल्याण के लिए गांव-गांव यात्रा करता हूं और लोगों को अंधविश्वास से दूर रहने के लिए कह कर समाज में जागरूकता फैलाने का काम करता हूं।
अब तक लाखों लोगों को उनके दुख से मुक्ति मिल चुकी है। मैं रुपेल। मैं आज भी मौजूद हूं। रूपल ऐ के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। लोग आई रुपल को अपना दुख और व्यथा व्यक्त करते हैं और मैं रूपल पल भर में राहत लाता है। इस लिए आजभी उनके दर्शन के लिए लाईने लगती है|