पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पीएम नरेंद्र मोदी ने दी बधाई- आप भी जानिए क्या कहा

पाकिस्तान(Pakistan) में हाल सरकार बदल चुकी है। इमरान खान(Imran Khan) की सरकार को गिरा के शहबाज शरीफ(Shahbaz Sharif) ने अपनी सरकार रच दी है। इसलिए…

पाकिस्तान(Pakistan) में हाल सरकार बदल चुकी है। इमरान खान(Imran Khan) की सरकार को गिरा के शहबाज शरीफ(Shahbaz Sharif) ने अपनी सरकार रच दी है। इसलिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री(Prime Minister) इमरान खान को हटाकर नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पाकिस्तान की गद्दी पर बैठ गए हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एक ट्वीट के जरिए बधाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)के ट्विटर अकाउंट में लिखा गया है कि एच ई मियां मुहम्मद शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर बधाई। भारत आतंक मुक्त क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है, ताकि हम अपनी विकास चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें और अपने लोगों की भलाई और समृद्धि सुनिश्चित कर सकें।

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता देते हैं कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालते ही शहबाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अपील की थी। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अपने भाषण के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा कि हम भारत के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं। लेकिन कश्मीर(Kashmir) पर शांतिपूर्ण समाधान के बिना ऐसा हो नहीं सकता। इसलिए हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे और जल से जल उसे सुलजाएंगे इसलिए हमारे संबंध भारत के साथ अच्छे हो जाएंगे।

फिर शाहबाज शरीफ ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी को यह समझने की सलाह दूंगा कि दोनों तरफ गरीबी बढ़ती ही जा रही है। मैं नरेंद्र मोदी से आह्वान करता हूं कि वह जम्मू कश्मीर मुद्दे को चल चल चल सुलझाए। और फिर धीरे-धीरे हम गरीबी से लड़के आगे बढ़ेंगे।

पाकिस्तानी नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कौन है?
1951 में लाहौर के एक उद्योगपति परिवार में जन्मे शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ(Nawaz Sharif) के छोटे भाई हैं जिन्होंने लगभग 3 कार्यकाल तक शासन किया था। शाहबाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह 2018 में प्रधानमंत्री की कुर्सी की दावेदारी के रूप में चुने गए थे लेकिन वह बन नहीं पाए थे। 1988 में पंजाब प्रांतीय विधानसभा और 1990 मैं नेशनल असेंबली के लिए चुने गए। 1997 के चुनाव में वह पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री(Chief Minister of Punjab) के लिए चुने गए।