आजकल लोग फिर से धार्मिक सीरियल देख रहे हैं। आप जानते ही होंगे कि लॉकडाउन में भी लोग इन सीरियल्स को देखा करते थे। जिससे लोग घर बैठे बोर नहीं होते और लोगों में भक्ति की भावना पैदा होती है।वहीं दूसरी ओर महाभारत और रामायण में ऐसे कई मौके हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते। फिलहाल महाभारत और रामायण की घटनाओं की खबरें सोशल मीडिया समेत न्यूज वेबसाइट्स पर प्रकाशित की जा रही हैं। आज भी हम आपको महाभारत के एक मौके के बारे में बताएंगे। जिसमें गांधारी ने एक साथ 100 कौरवों को जन्म दिया। यह घटना भी रहस्य से भरी है, अगर आप नहीं जानते तो इसे पढ़कर आप थोड़ा अनजान महसूस करेंगे।
महाभारत में 100 कौरवों के जन्म का रहस्य ज्यादातर लोगों को नहीं पता है। लेकिन यह चमत्कार है कि एक माँ एक बार में 100 पुत्रों को जन्म दे सकती है। यह एक ऐसा रहस्य है जो आज हम आपको इस रिपोर्ट के जरिए बताने जा रहे हैं। महाभारत में गांधारी के गर्भ से 100 पुत्रों का जन्म एक प्राकृतिक भ्रूण घटना नहीं है बल्कि एक ऐसी घटना है जो भारत के प्राचीन रहस्यमय विज्ञान का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
गांधारी के सौ पुत्रों का रहस्य
महारानी गांधारी कई धार्मिक गतिविधियों की महिला थीं। गांधारी की सेवा से प्रभावित होकर महर्षि वेदव्यास ने उन्हें 100 पुत्रों का आशीर्वाद दिया। महर्षि वेद व्यास के आशीर्वाद से गांधारी गर्भवती हुई। लेकिन कुछ दिनों बाद उसे पता चला कि उसके गर्भ में एक नहीं बल्कि 100 बच्चे हैं। महाभारत की गांधारी एक सामान्य महिला के गर्भ में 2 साल की गर्भवती थी और उसके गर्भ में 9 महीने का बच्चा था।
24 महीने बाद भी जब गांधारी ने जन्म नहीं दिया तो लोग अलग तरह से सोचने लगे। अंततः तंग आकर गांधारी ने गर्भ गिराने का फैसला किया। जब गांधारी ने अपने बच्चे का गर्भपात कराया तो उसमें से लोहे जैसा मांस का एक गांठ निकला, जिससे लोग डर गए और कई बातें होने लगीं।
लोक मान्यता एसीबी है कि उस समय महर्षि वेदव्यास पूरी घटना को देख रहे थे। और गांधारी के गर्भपात की खबर सुनते हुए हस्तिनापुर चले आए। उसने अपने सेनापति से रानी के गर्भ से निकले मास पर पानी छिड़का जय साई घाट पर पानी डाला गया मास की गाठ 101 टुकड़ों में बट गई। उसी समय वेद महर्षि ने गांधारी को कहा कि इस मांस के टुकड़े को खींचे बड़े 101 कड़े में डालकर 2 वर्ष तक बंद रखें।