Neem Karoli Baba के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप: 108 हनुमान मंदिर बनवाए, उस के अलावा और भी कई…

Neem Karoli Baba: उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के फिरोजाबाद(Firozabad) जिले के अकबरपुर गाँव में वर्ष 1900 में जन्मे आध्यात्मिक संत नीम करोली बाबा(Neem Karoli Baba) को…

Neem Karoli Baba: उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के फिरोजाबाद(Firozabad) जिले के अकबरपुर गाँव में वर्ष 1900 में जन्मे आध्यात्मिक संत नीम करोली बाबा(Neem Karoli Baba) को भक्त श्री हनुमानजी के अवतार के रूप में भी जाना जाता है। बाबा को मानने वालों में देश ही नहीं विदेशों से भी लोग शामिल हैं. दुनिया की कई मशहूर हस्तियों को उनके भक्त कहा जाता है।

साल 1900 में जन्मे Neem Karoli Baba का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा(Laxmi Narayan Sharma) और पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था। कहा जाता है कि श्री हनुमानजी महाराज ने बाबा को दर्शन तब दिए थे जब वे केवल 17 वर्ष के थे। इसके बाद उन्होंने धर्म और अध्यात्म की ओर रुख किया। बाबा हनुमानजी को अपना गुरु और आराध्या मानते थे। बाबा ने अपने जीवनकाल में 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण कराया।

Neem Karoli Baba के भक्त पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। भारत में बड़ी संख्या में लोग उन पर विश्वास करते हैं। बाबा नीम करोली को पिछली शताब्दी के सबसे लोकप्रिय और चर्चित भारतीय संतों में से एक माना जाता है। उनके भक्तों में Apple के CEO स्टीव जॉब्स भी थे। वहीं इसमें हॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स का नाम भी शामिल है.

Neem Karoli Baba ने 1964 में कैंची धाम की स्थापना की थी। बाबा के यहां आज भी वैसे ही भक्तों और भक्तों का तांता लगा रहता है जैसे बाबा के समय हुआ करता था। यहां हमेशा लोगों का आना-जाना लगा रहता है। गौरतलब है कि स्टीव जॉब्स 1973 में अपनी भारत यात्रा के दौरान यहां आए थे।

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने Neem Karoli Baba का जिक्र किया था। दरअसल, 2015 में जब पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे तो मार्क जुकरबर्ग ने उनसे मुलाकात की थी। तब मार्क ने पीएम मोदी से कहा था कि ऐपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स ने उन्हें इस मंदिर में जाने के लिए कहा था.

Neem Karoli Baba ने भक्तों को अपने पैर नहीं छूने दिए। वे कहा करते थे कि पैर छूना है तो श्री हनुमानजी के चरण छू लो… इससे तुम्हारा भला होगा। बता दें कि बाबा का निधन 11 सितंबर 1973 को उत्तर प्रदेश के वृंदावन में हुआ था।