मॉडलिंग छोड़ सिर्फ 10 महीने की UPSC की तैयारी, आज है IAS ऑफिसर, रह चुकी हैं Miss India Finalist

UPSC और GPSCकी परीक्षा पास करना आसान नहीं है। कई लोग इसे पास करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। उनमें से बहुत कम…

UPSC और GPSCकी परीक्षा पास करना आसान नहीं है। कई लोग इसे पास करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। उनमें से बहुत कम ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। लेकिन इस परीक्षा को पास कर आईएएस या आईपीएस का पद पाने वाले लोगों की सफलता की कहानियां भी कई लोगों के लिए प्रेरणा बन जाती हैं।

आज हम ऐसी ही एक महिला आईएएस अधिकारी के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने आईएएस इवेंट के लिए मॉडलिंग भी छोड़ दी थी। हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर ऐश्वर्या श्योराण(IAS officer Aishwarya Sheoran) की, जिन्होंने साल 2015 में मिस दिल्ली का खिताब भी अपने नाम किया था। इसके अलावा वह अगले साल 2016 में फेमिना मिस इंडिया की फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं।

राजस्थान के चूरू की रहने वाली ऐश्वर्या ने बिना किसी कोचिंग की मदद के यह मुकाम हासिल किया है। ऐश्वर्या ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी महज 10 महीने में की थी। इसके लिए उन्होंने घर पर ही तैयारी की, जिसके फलस्वरूप वे पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया में 93वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनीं।

बता दें कि यूपीएससी की तैयारी से पहले ऐश्वर्या मॉडलिंग कर रही थीं। उनका मॉडलिंग करियर भी अच्छा चल रहा था और उन्हें साल 2014 में दिल्ली का क्लीन एंड क्लियर फ्रेश फेस चुना गया। इसके बाद उन्होंने इसी तरह मॉडलिंग में कई बड़े मुकाम हासिल किए, लेकिन फिर भी उन्होंने मॉडलिंग छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया।

उन्होंने वर्ष 2018 में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और तैयारी के 10 महीने के भीतर परीक्षा पास कर सफलता हासिल की। बता दें कि ऐश्वर्या का परिवार शुरू से दिल्ली में रहा करता था। वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सनकृष्णा स्कूल, चाणक्यपुरी, दिल्ली से की।

उसने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 97.5 फीसदी अंक हासिल कर टॉप किया था। 12वीं के बाद उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद ऐश्वर्या ने साल 2018 में कैट की परीक्षा (CAT 2018) भी दी और आईआईएम इंदौर में उनका चयन भी हो गया, लेकिन उन्होंने एडमिशन नहीं लिया, क्योंकि उनका पूरा फोकस सिविल इंजीनियरिंग पर था.