मीराबाई चानू के नाम एक और रिकॉर्ड: वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल

ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू ने पेरिस ओलंपिक के लिए मजबूत दावेदारी पेश की है। मंगलवार को उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने…

ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू ने पेरिस ओलंपिक के लिए मजबूत दावेदारी पेश की है। मंगलवार को उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने यहां कुल 200 किलो वजन उठाया। मीराबाई पिछले कुछ समय से कलाई की चोट से जूझ रही थीं लेकिन फिर भी पदक जीतने में सफल रहीं। उन्होंने स्नैच में 87 और क्लीन एंड जर्क में 113 किग्रा भार उठाया।

कलाई में लगी थी चोट 
पूर्व विश्व चैंपियन चानू राष्ट्रमंडल खेलों में अपना तीसरा पदक और दूसरा स्वर्ण पदक जीतने के बाद पहली बार किसी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। उन्हें कलाई में चोट लगी थी जिसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए दरकिनार कर दिया गया था। हालांकि अब उन्होंने जोरदार वापसी की है. इस भार वर्ग में मीराबाई के कई दिग्गज थे, लेकिन फिर भी वह पदक जीतने में सफल रहीं। इस आयोजन में स्वर्ण पदक चीन के जियांग हुइहुआ को मिला, जिन्होंने कुल 206 किग्रा वजन उठाया। दूसरी ओर, ओलंपिक चैंपियन हू झिझुई ने मीराबाई को पीछे छोड़ते हुए केवल 198 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीतने में कामयाबी हासिल की।

पेरिस ओलंपिक की राह हो गई आसान 
मीराबाई की चोट का असर उनके खेल पर कहीं न कहीं दिखाई दे रहा था. इस वजह से वह सिर्फ बड़े टूर्नामेंट्स में ही हिस्सा ले रही है। पेरिस ओलंपिक का टिकट कटाने के लिए यह वर्ल्ड चैंपियनशिप काफी अहम थी। मीराबाई ने यहां जीते रजत पदक से अहम अंक हासिल किए हैं, जो फाइनल क्वालीफिकेशन रैंकिंग में काम आएंगे। मीराबाई अब अगले साल होने वाली 2023 विश्व चैंपियनशिप और 2024 विश्व कप पर ध्यान देंगी, जहां उनके लिए भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है।

जेरेमी और संकेत नहीं ले रहे हैं  भाग 
2024 ओलंपिक योग्यता नियमों के अनुसार, भारोत्तोलकों को 2023 विश्व चैंपियनशिप और 2024 विश्व कप में प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता है। इसके अलावा एक भारोत्तोलक को तीन अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेना होता है। जेरेमी, भारत के पहले यूथ ओलंपिक चैंपियन, जुलाई में राष्ट्रमंडल खेलों में अपने स्वर्ण पदक जीतने के अभियान के दौरान चोटिल हो गए थे, इसलिए वह टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता संकेत सागर, जिन्हें कोहनी में चोट लगी थी और उनकी सर्जरी करवानी पड़ी थी, भी भाग नहीं ले रहे हैं।