बालासाहेब ठाकरे का वही अंदाज और वही तेवर दिखे उद्धव ठाकरे में, बोले: ‘मैं शिवसेना छोड़ रहा हूं’

इस समय महाराष्ट्र में पॉलिटिकल झगड़ा चल रहा है। इस समय महाराष्ट्र की सियासत में समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी शिवसेना के लिए…

इस समय महाराष्ट्र में पॉलिटिकल झगड़ा चल रहा है। इस समय महाराष्ट्र की सियासत में समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी शिवसेना के लिए वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो चुकी है और यह लड़ाई अभी भी जारी है। एकनाथ शिंदे के बगावती तेवर के बाद से ही पूरी महा विकास आघाडी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लेकिन उन तमाम संकटों के बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन के जरिए साफ कर दिया कि अगर कोई विधायक सामने से आकर कहेगा तो वे तुरंत इस्तीफा दे देंगे यह तेवर 30 साल पहले बालासाहेब ठाकरे में लिखा था और आज उनके पुत्र उद्धव ठाकरे में दीखा है।

दरअसल बात ऐसी है कि शिवसेना का संगठन खड़ा किया था उस पार्टी को बालासाहेब हमेशा के लिए अलविदा कहने को भी तैयार हो गए से यह पूरा किस्सा प्रकाशित हुए सामना के लेख में देखना मिलता है। दरअसल हम बात करें तो उस समय शिवसेना का ही एक पुराने साथी माधव देशपांडे ने बालासाहेब ठाकरे और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और उनको ना सुना ना हो ऐसा वाक्य सुना बैठे थे उनके भतीजे राज ठाकरे और बेटे उद्धव ठाकरे पर भी जमकर निशाना साधा गया था आरोप लगा दिया कि दोनों ही पार्टी के मामलों में काफी दखलअंदाजी कर रहे हैं ऐसी पॉलिटिकल राजनीति नहीं चलती।

उसी समय बालासाहेब ठाकरे को यह बिल्कुल ही पसंद नहीं था कि कोई उनके परिवार पर उंगली उठाए। ऐसे में उन्होंने सामना में एक लेख लिखा और उन्होंने ऐसा अलंकर डाला कि जो पूरी शिवसेना को हैरत में डाल दिया वे प्रदर्शन करने लगे खुद को मारने की धमकी तक देने लगे थे इसलिए पूरी शिवसेना एकठी हो गई और बालासाहेब को मनाने लगी।

उसी समय शिवसेना के कार्य करो को जो भी शिकायत थी जो भी विरोध था वह जो भी मारपीट करते थे वह सभी को छोड़कर बालासाहेब को मनाने की कोशिश में लग चुके थे। उसे घटना के बाद बालासाहेब अपनी पार्टी में ही रहे और किसी ने भी बालासाहेब पर आवाज नहीं उठाई।

सभी लोगों के सामने क्या बोले उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के दौरान कहा था कि शिवसेना ने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है। हिंदुत्व तो हमारी सांस में है। अभी यह बताने का समय नहीं है कि इसने हिंदुत्व के लिए क्या किया है और इसने हिंदुत्व के लिए क्या नहीं किया मैं बालासाहेब हिंदुत्व को आगे ले जाने की कोशिश कर रहा हूं और उन्होंने नाराज विधायकों को भी कहा कि आप में से कोई भी विधायक मेरे सामने आकर कह दे तो मैं यहीं पर ही इस्तीफा दे दूंगा।