Mahashivratri की रात लाखों दीपों से जगमगा उठी महाकाल की नगरी! दर्ज हुआ गिनीज रिकॉर्ड – देखिए खूबसूरत नजारा

महाशिवरात्रि(mahashivratri) का पर्व देशभर में बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। शिव मंदिरों के बाहर दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हर-हर महादेव…

महाशिवरात्रि(mahashivratri) का पर्व देशभर में बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। शिव मंदिरों के बाहर दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हर-हर महादेव और जय शिव शंकर के नाद से हर शिव मंदिर गुंजायमान रहा। ऐसा ही नजारा वाराणसी(Varanasi) के काशी विश्वनाथ धाम(Kashi Vishwanath Dham) में देखने को मिला। महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में शाम छह बजे तक 5 लाख 24 हजार लोगों ने महादेव के दर्शन किए। ये आंकड़े ट्रस्ट की ओर से साझा किए गए हैं।

उज्जैन(Ujjain) में Mahashivratri की धूम शिवभक्ति की ऐसी ही खूबसूरत तस्वीर उज्जैन के राम घाट पर भी देखने को मिली. महाशिवरात्रि के अवसर पर उज्जैन के राम घाट पर आयोजित ‘शिव ज्योति अर्पणम 2023’ कार्यक्रम ने 18 लाख से अधिक मिट्टी के दीये जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस मौके पर राम घाट पर लेजर लाइट एंड फायर शो का दिव्य नजारा देखने को मिला।

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर ने शनिवार शाम 18.82 लाख दीये जलाकर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इतनी बड़ी संख्या में क्षिप्रा नदी के तट पर दीप जलाने का कार्य करीब 20 हजार स्वयंसेवकों ने पूरा किया.

इसके अलावा ट्रस्ट के आंकड़े कहते हैं कि काशी कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद साल 2022 में पहली महाशिवरात्रि पर 5.5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, जो एक रिकॉर्ड भी है. इस साल भी महाशिवरात्रि पर शाम 6 बजे तक 5 लाख 24 हजार से ज्यादा लोग भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं।

श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के सीईओ सुनील वर्मा ने उम्मीद जताई है कि महाशिवरात्रि के अंत तक 7.5 लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है, जो एक नया रिकॉर्ड होगा।

Mahashivratri पर शहर के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक काशी विश्वनाथ ही नहीं, बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, बल्कि सभी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं. रात होते ही सभी शिव भक्त शोभायात्रा में शामिल हो गए। शहर के विभिन्न इलाकों में शिव की शोभायात्रा निकाली गई। सबसे शानदार शिव बारात महामृत्युंजय मंदिर से निकली, जिसकी थीम जी20 थी।

दर्जनों झांकियों पर शिव बारात में भूत, यक्ष, गंधर्व, राक्षस, राक्षस, हठी अघोरी, स्त्री-पुरूष और किन्नर सहित तमाम शिव भक्त शामिल हुए और रास्ते में नाचते-गाते नजर आए। शिव बारात समिति के कोषाध्यक्ष महेश चंद्र माहेश्वरी ने कहा कि काशी की यह प्राचीनतम शिव बारात पांचवें दशक में प्रवेश कर रही है. इस बार शिव बरात का 41वां साल मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह शिव बारात उस समय से निकाली जा रही है, जब कभी काशी विश्वनाथ मंदिर से सोना चोरी हुआ था। तब काशी के लोगों ने एक साथ शिव बारात निकाली, जो पूरे विश्व में पहली शिव बारात थी।

अब विदेशों में भी शिव बारात हो रही है। काशी में शामिल होने के लिए विदेशी भी आते हैं। हर बार काशी जाने वाली इस प्राचीन शिव बारात का अलग विषय होता है। इस बार इसकी थीम जी-20 है, क्योंकि भारत इस बार जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और इसके कई आयोजन वाराणसी में भी हैं।