IPS नवदीप अग्रवाल(IPS Navdeep Aggarwal) 2016 में भारतीय वन सेवा (IFS) की परीक्षा पास करने के बाद 2017 बैच में शामिल हुए। उनकी ऑल इंडिया रैंक 21वीं थी। नवदीप अग्रवाल को मिला अपना होम कैडर पंजाब। डेढ़ साल तक पठानकोट में डिप्टी डीएफओ के पद पर रहने के बाद उन्हें पंजाब राज्य वन विकास निगम में क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर तैनात किया गया। वह साल 2022 में आईपीएस बने थे। उन्हें ऑल इंडिया में 150वीं रैंक मिली थी।
परीक्षा की तैयारी में करीब एक साल लग गया
IPS Navdeep Aggarwal ने पंजाब राज्य वन विकास निगम में डीएफओ और तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में काम करते हुए पाया कि उन्हें प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर काम करना था। जिसके बाद उन्होंने एक बार फिर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी सीएसई) में बैठने का फैसला किया। आईपीएस नवदीप अग्रवाल का कहना है कि उनकी पत्नी ने भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में फिर से बैठने के उनके फैसले का समर्थन किया। परीक्षा की तैयारी में करीब एक साल लग गया।
इस प्रकार अध्ययन के लिए समय बना रहा है
IPS Navdeep Aggarwal का कहना है कि डीएफओ की नौकरी की तुलना में नई पोस्टिंग में ज्यादा समय लगता है। इसलिए वह सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक तीन घंटे पढ़ाई करता था। कर्मचारियों को नोट्स लिखने और अंतिम मुद्रित ड्राफ्ट के बीच प्रारंभिक प्रश्नों को हल करना। इसके अलावा लॉकडाउन के चलते बैठकें ऑनलाइन या कॉन्फ्रेंस कॉल पर आयोजित की गईं।
IPS Navdeep Aggarwal ऑफिस में लंच करते थे। साथ ही छुट्टियों और वीकेंड के दिनों में वह हर दिन 14 घंटे पढ़ाई करता था। वह सलाह देते हैं कि कामकाजी उम्मीदवार जो समय नहीं निकाल सकते हैं, उन्हें प्रीलिम्स और मेन्स से कम से कम दो महीने पहले छुट्टी लेनी चाहिए।
इससे दूरी बनी रही
IPS Navdeep Aggarwal सिविल सेवाओं की तैयारी करते समय भावनाओं पर काबू रखने और असफलता के बावजूद भी आशावादी रहने की सलाह देते हैं। सिविल सेवक बनने की यात्रा में एक सकारात्मक दृष्टिकोण और भावनात्मक बुद्धिमत्ता की अत्यधिक आवश्यकता होती है। वे कहते हैं कि मैं केवल उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करता था जो मेरे नियंत्रण में थीं और बाकी चीजों को छोड़ देता था। नवदीप कहते हैं कि उन्होंने ऑफिस के साथ-साथ अपनी बेटी और परिवार को भी समय दिया। उन्होंने सिर्फ सोशल मीडिया अकाउंट्स, ऑफिस पार्टीज और फ्रेंडली गेट-वेदरर्स से दूरी बनाए रखी।
रिवीजन को महत्व दें
IPS Navdeep Aggarwal रिवीजन को बेहद जरूरी बताते हैं। सबसे पहले उन्होंने समाजशास्त्र के नोट्स तैयार किए। इसके बाद प्रीलिम्स के 10 हजार से ज्यादा सवालों को हल किया। इसके बाद नोटों का रिवीजन किया गया। उनका कहना है कि कम से कम दो से तीन बार रिवाइज किए बिना यह सब बनाए रखना असंभव है।