गुजरात में आए विनाशक चक्रवात ताकते से मची तबाही से उबरने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार से करीब दस हजार करोड़ रूपये की ओर मदद मांगी है। गुजरात के समुद्री तट से गत 17 मई को टकराए. चक्रवात से 23 जिले प्रभावित हुए उनमें से गिर सोमनाथ, भावनगर, अमरेली और जूनागढ़ में भारी तबाही में जान माल का नुकसान हुआ।
गुजरात सरकार की ओर से केंद्र को भेजे गए मेमोरेंडम में राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत 9 हजार 836 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता की मांग की है। मुख्य सचिव अनिल मुकीम तथा विविध विभाग के सचिव की ओर से तैयार रिपोर्ट में बताया है की गुजरात में वर्ष 1975,1982,1998 में आए चक्रवात मै ये सबसे खतरनाक था। तटीय क्षेत्रों में 220 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चली जिससे भारी मात्रा में जान, माल, पशुधन एवं फसलों तथा बागानों को नुकसान पहुंचा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 मई को खुद गुजरात आकर चक्रवात में सबसे अधिक प्रभावित हुए जिला का हवाई सर्वेक्षण किया था। प्रधानमंत्री ने तत्काल गुजरात को 1000 करोड़ रूपए के पैकेज की तथा मृतकों दो दो लाख रुपए एवं घायलों को 50 हजार की सहायता की घोषणा कर दी थी। गुजरात सरकार ने खुद 500 करो रुपया के पैकेज की घोषणा करते हुए मुतर्को को अलग से चार लाख एवं घायलों के लिए 50 हजार की घोषणा की थी। चक्रवात के चलते तटीय क्षेत्रों में कच्चे एवं पक्के मकान को बहुत नुकसान हुआ।