अपने देश में और कोई बच्चे से लेकर विरुद्ध तक रामायण की कहानी जानता होगा। श्री राम और माता सीता का विवाह हो गया उसके बाद उन लोगों को 14 वर्ष वनवास जाना पड़ा था। उसमें श्री राम और माता सीता को कई सारी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा था।इस दौरान माता सीता का लंकापति राजा रावण द्वारा अपहरण कर लिया गया और उन्हें अपने साथ लंका ले जाकर अशोक वाटिका में कैद कर दिया गया। अशोक वाटिका अभी भी लंका में स्थित है। इतना ही नहीं श्रीलंका में और भी कई जगह हैं जहां आज भी रामायण काल के कई निशान देखे जा सकते हैं, रामायण की कहानी वास्तविक है, सच्चाई को ईमानदारी देती है।
श्री लंका रामायण(Ramayan) संशोधन समिति के अनुसार श्रीलंका में एक जगह ऐसी है जो रामायण काल से जुड़ी हुई है।भगवान श्री बजरंगबली उत्तर से श्रीलंका में प्रवेश करने आए थे। नागदीप की ओर उनके पैरों के निशान अभी भी दिखाई दे रहे हैं। इस जगह की जांच के दौरान यह भी पता चला कि राम और रावण दोनों के बीच भीषण युद्ध हुआ था। आज को स्थान को युद्ध गणों के नाम से जाना जाता है जहां भगवान राम ने रावण को मारकर उसका वध किया था।
इस स्थान पर माता को रखा गया था
माता सीता का हरण करने के बाद रावण ने उन्हें महल के अशोक वाटिका में कैद कर दिया था। यह जगह आज भी श्रीलंका में मौजूद है। यहां माता सीता का एक प्राचीन मंदिर बनाया गया है। इस जगह को “सेटा एलिया” के नाम से जाना जाता है।
जब रावण सीतामाता का अपहरण कर लंका ले जा रहा था, तो उसने रावण से अपने पति प्रभु श्री राम के पास जाने का अनुरोध किया। हालांकि रावण उन्हें जबरन लंका ले गया। उस दौरान सीता के आंसू वहीं गिर पड़े। एक सरोवर था। श्रीलंका में एक ऐसी जगह है जहां सीता की मां के आंसू छलकते हैं। इस स्थान को “सीता अशरु ताल” भी कहा जाता है।
श्रीलंका में शशिन्हाला नाम का एक शहर है जहां पर वेरागंटोटा नाम की जगह है। नाम का तात्पर्य एक लैंडिंग स्थान से है। कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहां रावण अपने पुष्प विमान के साथ उतरा था।और उसी विमान में सीता का अपहरण करके ले गया था।