गणेश उत्सव के दौरान गलती से भी गणपति जी को ना चढ़ाएं ये चीजें,अन्यथा…

अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहा जाता है। आइए…

अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि गणेश पूजा में किन चीजों का भोग नहीं लगाया जाता है।

केतकी और सफेद फूल : सूखे फूल कभी भी भगवान गणेश जी को नहीं चढ़ाए जाते। सूखे फूल चढ़ाना अशुभ माना जाता है। यह गरीबी लाता है। केतकी के फूल भी भगवान गणेश को नहीं चढ़ाए जाते हैं। गणेश जी को भी सफेद फूल पसंद नहीं हैं। सफेद फूल का चंद्रमा से संबंध होने के कारण वह नहीं चढ़ाएं जाता। चंद्रा ने एक बार गणेश का मजाक उड़ाया था। इस वजह से गणेश ने उन्हें श्राप दिया और उनकी पूजा में उनसे संबंधित सफेद चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया।

सफेद जनोई और सफेद वस्त्र : सफेद जनोई भी भगवान गणेश को नहीं अर्पित की जाती है हल्दी में पीले होने के बाद ही उन्हें जनोई अर्पित करें। उसी तरह वे सफेद कपड़े नहीं पहनने जाता हे.

सफेद चंदन : गणेश जी को सफेद चंदन की जगह पीली चादर या पीला चंदन चढ़ाएं।