दोस्तों ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति गाय के खुर की धूलि पहनता है और मंदिर के जल में स्नान करता है, वह सभी पापों से बच जाता है।भेड़, बकरी, ऊंट, भैंस आदि का दूध पशुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन उच्चतम गुणवत्ता वाला दूध गाय का दूध है।लोग भैंस की नस्लों को केवल इसलिए बढ़ावा देते हैं क्योंकि वे दूध उत्पादन को बढ़ावा देते हैं क्योंकि वे अधिक दूध देते हैं और उनमें वसा की मात्रा भी अधिक होती है जिससे घी अधिक होता है।
गाय का दूध अच्छी गुणवत्ता का होता है लेकिन वसा में कम होता है। अधिक दूध पाने के लालच में लोग गाय-भैंसों को क्रूर और अमानवीय तरीके से दूध पिला रहे हैं।यदि कोई बछड़ा है तो दूध देने से पहले गाय को पहले दूध देना चाहिए लेकिन लोग बछड़े/बछड़े को कम अधिकार देते हैं और इंजेक्शन देकर दूध बढ़ाने की कोशिश करते हैं जो उपयुक्त नहीं है।
दोस्तों हमारे प्राचीन शास्त्रों में गाय के महत्व को बताया गया है, हमारा पूरा जीवन गाय पर ही आधारित है। शिव मंदिर में काली गाय के दर्शन मात्र से कालसर्प योग दूर हो जाता है। गाय के पिछले पैरों को देखने मात्र से कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती है। गाय की परिक्रमा करने से चारों धामों के दर्शन करने का लाभ मिलता है क्योंकि गाय के चरणों में चार धाम होते हैं।घर में खाना बनाने में गाय के घी का ही प्रयोग किया जाता है। प्रदूषण को खत्म करने का इससे बेहतर तरीका कोई नहीं हो सकता।
धार्मिक शास्त्र कहते हैं कि गाय विश्व की माता है। गाय माता की रीढ़ की हड्डी में सूर्य नाड़ी और केतुनादि होती है। जब गाय की माँ सूर्य के संपर्क में आती है, तो गाय की रीढ़ पर सूर्य के प्रकाश के घर्षण से कैरोटीन नामक पदार्थ उत्पन्न होता है जिसे सबराचनोइड कहा जाता है। गाय का दूध पीने से बुद्धि का विकास तेजी से होता है। जब हम किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए बाहर जाते हैं, जब गाय माता अपने बछड़े को दूध देती हुई दिखाई देती है, तो हमें समझना चाहिए कि हमने जो काम निर्धारित किया है वह अब निश्चित रूप से पूरा होगा।
त्रय के लिए काली गाय का दूध सर्वोत्तम माना गया है। एक रूसी वैज्ञानिक का कहना है कि गाय के दूध में विकिरण से बचाने की सबसे बड़ी शक्ति होती है। गाय का दूध एक ऐसा भोजन है जो मानव शरीर के प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज, वसा आदि पोषक तत्वों से भरपूर होता है। गाय के दूध से केमिकल बनता है। आज भी कई घरों में गायों को रोटी खिलाई जाती है और कई जगहों पर गौशाला भी सेवा के लिए स्थापित की जाती है।