देशमे सतत दुष्कर्म की घटनाऐ सामने आ रही हे। ऐसे में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर गोरखपुर दीवानी कचहरी न्यायालय में चल रहे मुकदमे की तारीख पर आए रेप के आरोपी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई.
घुट-घुट कर जीने से अच्छा है जेल
घटना को लेकर कहा जा रहा है कि, पीड़ित लड़की के पिता ने गेट पर 35 साल के दिलशाद की गोली मारी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. दिलशाद जमानत पर रिहा चल रहा था और वो पहली तारीख पर कचहरी पहुंचा था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. ‘मुझे दिलशाद की हत्या करने का कोई पछतावा नहीं है। घुट-घुटकर जीने से अच्छा है जेल में रहना। फांसी चढ़ जाना।’ पुलिस को यह बयान दिया है दीवानी कचहरी में शुक्रवार दोपहर दुष्कर्म के अभियुक्त की हत्या करने के आरोपी दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने। उसने दावा किया कि समाज के ताने और दिलशाद की हरकतों से आजिज आकर यह कदम उठाया
पुलिसकर्मी ने इस घटना के बारे मे कहा की, पुलिस ने हत्यारोपी दुष्कर्म पीड़िता के पिता का बयान दर्ज किया है। बयान के मुताबिक, हत्यारोपी ने कहा है कि समाज के ताने सुन-सुनकर वह इतना परेशान हो गया था कि आत्महत्या करने की सोचने लगा था। इस बीच जमानत पर छूटे दिलशाद की हरकतों ने मेरी परेशानी को गुस्से में बदल दिया।
दुष्कर्म के अभियुक्त के आरोपी ने बताया कि, एक दिन बेटी कॉलेज से घर आ रही थी, तभी उसे जबरन लेकर हैदराबाद चला गया। पुलिस ने छह दिन बाद केस दर्ज किया था। लड़की को हैदराबाद से बरामद किया। दिलशाद जेल गया। मैं दो साल पहले ही सेना से सेवानिवृत्त हुआ था। जब भी कहीं जाता था, बेटी के बारे में लोग कानाफूसी करते थे। इस कारण घर से बाहर भी नहीं निकलता था। किसी तरह परिवार वालों ने संभाला।
जेल से छुटते ही बेटी को परेशान करने लगा था दिलशाद
पीड़ित लड़की के पिताने कहा की, जब तक दिलशाद जेल में था, तब तक तो ठीक था। जेल से बाहर आते ही वह मुझे और बेटी को परेशान करने लगा। कभी घर के बाहर आकर जोर-जोर से चिल्लाता तो कभी कुछ और हरकत करता था। इससे मुझे गुस्सा आता था, लेकिन लड़की की गलती भी लगती थी। इसी बीच खुदकुशी का ख्याल मन में आया, लेकिन फिर सोचा कि मेरे बाद परिवार का क्या होगा? दिलशाद सबका जीना मुश्किल कर देगा। इसके बाद कांटे को ही रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। बेटी के अपमान व प्रताड़ना का बदला ले लिया है। अब बेटी या परिवार को कोई परेशान नहीं करेगा।
आरोपीने धर्म छुपाकर नाबालिग लड़की से नजदीकी बढ़ाई थी। जबकि नाबालिग लड़की हिंदू थी। इसकी चर्चा होती थी। हालांकि, नाबालिग के पिता ने दर्ज कराए मुकदमे में इसका जिक्र नहीं किया था। यही वजह थी कि पुलिस ने मामले में इस धारा के तहत केस नहीं दर्ज किया था। पुलिस बहला-फुसला कर भगाने का केस दर्ज किया था। लड़की के मिलने के बाद नाबालिग होने के चलते दुष्कर्म और पॉक्सो की धारा बढ़ाई गई थी।
अन्य लोगों के लिए मुख्य गेट को नवंबर में बंद कराया गया
SP सिटी सोनम कुमार ने बताया कि, पार्किंग के पास सुरक्षा की वजह से अधिवक्ता को छोड़कर अन्य लोगों के लिए मुख्य गेट को नवंबर में बंद कराया गया था। सुरक्षा के लिहाज से लिए गए इस फैसले के बाद, तीन दिन तक गेट बंद था, लेकिन बाद में अधिवक्ताओं के विरोध पर गेट खुल गया। दिलशाद के अधिवक्ता शंकर शरण शुक्ला ने अपनी सुरक्षा की मांग की है। खबर है कि जिला जज ने अधिवक्ता को सुरक्षा देने के लिए एसएसपी को निर्देशित किया है।
बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडेय ने घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि सिविल कोर्ट में जो सुरक्षा व्यवस्था है, वह नाकाफी है। अपराधी असलहे के साथ कैसे आ गया, यह जांच का विषय है। इसकी जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। इससे अधिवक्ताओं में आक्रोश है। एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु पांडेय व मंत्री अनुराग दुबे ने संयुक्त रूप से कहा कि अधिवक्ता नाराज हैं। सोमवार सुबह 11 बजे एसोसिएशन के सभागार में साधारण सभा की बैठक बुलाई गई है। इसमें आगे की रणनीति का एलान किया जाएगा।
हत्यारोपी तीन बच्चों का है पिता
पीड़ित लड़की के पिता तीन बच्चों का पिता है। पीड़िता सबसे बड़ी लड़की है। घटना की जानकारी के बाद गांव में सन्नाटा है। कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। उधर, घटना के बाद बड़हलगंज पुलिस गांव में दुष्कर्म पीड़िता के घर भी पहुंची थी। पुलिस ने एहतियातन गांव में चौकसी बढ़ा दी है।
पीछे से मारी दी गई गोली
पार्किंग कर्मचारी ने घटना से लेकर कहा कि, मैं पार्किंग में वाहनों को खड़ा करा रहा था, तभी एक युवक को मोबाइल पर बात करते देखा। अचानक युवक के पीछे से एक व्यक्ति आया और गोली चला दी। पहली गोली चलने के बाद युवक तेजी से कचहरी के गेट की ओर भागा। इस दौरान युवक के हाथ से मोबाइल छूट कर गिर गया। तभी व्यक्ति ने दूसरी गोली पीछे से सिर में मार दी। युवक गिरकर तड़पने लगा। यह देखते ही शोर मचाते हुए, मैं गोली मारने वाले के पीछे दौड़ पड़ा। पुलिस ने मुझे एक आदमी के पीछे भागते देखा तो वह भी दौड़ी। आगे जाकर आरोपी को पकड़ा और पुलिस को सौंपकर पूरी बात बताई। इसके बाद पुलिस को पता चला कि वह वही है, जिसने युवक को गोली मारी है।