U-19 Women World Cup 2023: भारत ने U-19 महिला T20 वर्ल्ड कप के फाइनल में इंग्लैंड को 7 विकेट से हरा दिया। 69 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने इस लक्ष्य को 14 ओवर में 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया. इसी के साथ भारत ने पहली बार अंडर 19 टी20 वर्ल्ड कप जीत लिया है. भारत की इस ऐतिहासिक जीत में ऑलराउंडर अर्चना देवी का भी अहम योगदान रहा है.
Shafali Verma came a long way – from losing the T20 World Cup Final to winning the U19 World Cup as a captain. pic.twitter.com/CkXLi2rbrY
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 29, 2023
अर्चनादेवी वो खिलाड़ी थीं, जिन्होंने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को ध्वस्त कर भारत की शानदार गेंदबाजी की नींव रखी थी. अर्चना देवी ने ग्रेस स्क्रिवेंस और निया हॉलैंड को आउट किया। उन्होंने 3 ओवर में 17 रन देकर 2 विकेट लिए। भारत ने यहीं से ताकत का निर्माण किया था।
अर्चना देवी ने इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मैच में न सिर्फ गेंद से कमाल दिखाया बल्कि फील्डिंग के दौरान शानदार कैच भी लपका। उत्तर प्रदेश के उन्नाव की रहने वाली अर्चना देवी के क्रिकेटर बनने की कहानी बेहद भावुक कर देने वाली है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रिकेटर बनने में सबसे बड़ा हाथ अर्चना देवी की मां सावित्री देवी का है, जिन्होंने अर्चना को क्रिकेटर बनाने के लिए कड़ा संघर्ष किया। सावित्री देवी की जिद से अर्चना देवी ने देश का नाम रोशन किया है।
सावित्री देवी ने इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी बताई है। पति और बेटे की मौत के बाद सावित्री को डायन कहने लगे लोग खबरों के मुताबिक उन्नाव के करतई पुरवा गांव की रहने वाली सावित्री देवी के पति की कैंसर से मौत हो गई थी. बाद में बेटे को भी सांप ने काट लिया, जिसके बाद उसकी भी मौत हो गई। पति और बेटे की मौत के बाद लोग सावित्री देवी को ‘डायन’ कहने लगे, लेकिन सावित्री ने इन तानों को नज़रअंदाज़ कर दिया और अपनी बेटी को क्रिकेटर बनाने का फैसला किया। हालांकि सावित्री के इस फैसले पर उनके रिश्तेदारों ने भी सवाल उठाए थे.
View this post on Instagram
परिजनों ने कहा कि वह अपनी बेटी को गलत रास्ते पर भेज रही थी। आज घर में लोग बेटी को देखने के लिए उमड़ पड़े। सावित्री देवी ने कहा है कि जब उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला गांव से 345 किमी दूर मुरादाबाद के लड़कियों के बोर्डिंग स्कूल ‘कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय’ में कराया तो लोगों ने कहा कि आप गलत हैं. अपनी बेटी को गलत रास्ते पर भेजो।
मुझे ताने भी दिए जाते थे कि मैंने अपनी बेटी को बेच दिया, लेकिन मैंने केवल अपनी बेटी के भविष्य पर ध्यान दिया। आज जब मेरी बेटी वर्ल्ड कप फाइनल खेल रही है तो मेरा घर रिश्तेदारों से भरा हुआ है. इतना ही नहीं आज मेरे घर में ऐसे भी लोग बैठे हैं जिन्होंने मेरे घर का पानी तक नहीं पिया, वो आज मेरी मदद करने की बात कर रहे हैं.