हाल ही में भारत को कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कहर से थोड़ी राहत मिली है पर सरकार के सामने तीसरे लहेर की आशंका एक बड़ी चुनौती है। देश में कोरोना की विकराल और भयावह स्थिति आने के बाद भी बहुत से लोग कोविड 19 नियमों का पालन करने में आनाकानी करते नजर आते हैं। इस तरह से बेफिक्र लोगों के लिए एक माता पिता मिसाल बन कर उभरे हैं जिस की प्रशंसा खुद पीएम मोदी ने की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 साल के बच्चे की मां की उनके साहस और सकारात्मक सोच के लिए प्रशंसा की है। उन्होंने कोविड 19 से संक्रमित होने के बाद खुद को अपने बेटे से अलग कर लिया था। गाजियाबाद के सेक्टर 6 में रहने वाली पूजा वर्मा और उनके पति गगन कौशिक कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। वह लोग तीन कमरों के फ्लैट में रहते हैं और अप्रैल में कोविड 19 से संक्रमित होने के बाद दोनो दंपती ने बड़ा फैसला लिया और तय किया की तीनों अलग-अलग कमरों में रहेंगे।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में वर्मा ने कविता के जरिए मां के तौर पर अपनी आजमाइश बताए जिन्हें अपने बच्चे से अलग रहना पड़ा। प्रधानमंत्री ने उन्हें पत्र लिखा और परिवार के खैरियत पूछते हुए कहा, मुझे खुशी है कि इन परिस्थितियों में भी, आप और आपके परिवार ने साहस के साथ कोवीड के अनुरूप व्यवहार अपनाकर इस बीमारी से लड़ाई लड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा, शास्त्रों ने हमें सिखाया है कि विपरीत परिस्थितियां में संयम नहीं खोना है ओर हिम्मत बनाए रखनी है। महिला की कविता की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि यह उस मां की चिंता को व्यक्त करती है जब वह अपने बच्चे से दूर होती है।