गुजरात के नडियाद में रहने वाली 19 साल की विधि यादव का बड़ा सपना पूरा हो गया था। वह बहुत ही देश प्रेमी है। कच्छ के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जाकर सैनिकों को राखी बांधने वाली थी। ऐसा उसने एक सपने में देखा था और उसने यह सपना सच भी कर बताया।
सुरक्षाबलों के जवानों के प्रति प्यार और सम्मान दिखाने की कानून की भावना को देखते हुए बीएसएफ में अंतरराष्ट्रीय सीमा तक जाने की भी विशेष अनुमति दी थी।विधि ने 12 साल की उम्र में इस अनोखे अभियान की शुरुआत की थी। अब तक यहां 300 शहीद जवानों के परिवारों तक पहुंच चुकी है
उनसे आमने-सामने बात भी की है। वे देशभर में शहीदों की प्रतिमाओं का अनावरण कार्यक्रमों की जाती है। विधि कच्छ के दो दिवसीय दौरे के साथ रक्षाबंधन भी मनाई थी। और उसमें सैकड़ों सैनी को यानी कि भारतीय जवानों को अपना भाई बनाया था।
सामने से सैनिकों ने भी उसको कहीं अलग अलग तरह की भेट प्रदान की थी।इसके बाद 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद में वह बना हुआ स्मारक तक पहुंच गई। और उस सारे स्मारक पर राखी रखी और बोली आप सभी मेरे भाइयों हो।