ऐसे समय में स्थिति पूरी तरह से बेकाबू हो गई जब पूरे देश में कोरोना का कहर जारी था। कोरोना की दूसरी लहर ने कई लोगों की जान ले ली है और कई लोगों को आर्थिक और मानसिक रूप से तबाह कर दिया है। तब सरकार ने कोरोना काल में सभी सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगा दी थी। राज्य में अब कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है.
कोरोना महामारी के कारण पिछले साल गुजरात राज्य में गरबा का आयोजन नहीं किया जा सका था। लेकिन इस साल सरकार ने नवरात्रि के दौरान सभी रास-गरबा कार्यक्रमों को मंजूरी देने की पूरी तैयारी शुरू कर दी है. सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में गायकों, बैंडवाजों और डीजे को सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने का अहम फैसला लिया है. इन सभी आयोजनों को 400 व्यक्तियों की क्षमता तक आयोजित किया जा सकता है,अर्थात सरकार ने कोरोना नियमों का पालन करने के मद्देनजर आगामी गणेशोत्सव और नवरात्रि के आयोजनों को भी आयोजित करने की अनुमति दी है। गृह विभाग ने इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया है, जिसमें सार्वजनिक आयोजनों में 400 लोग और बंद हॉल कार्यक्रमों में क्षमता का 50% और निकट भविष्य में अधिकतम 400 लोग शामिल हैं।
राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक, मंजूरी को स्वत: ही गणेशोत्सव और नवरात्रि कार्यक्रमों के लिए अनुमति माना जाएगा, यानी अब रिहायशी इलाकों में हो रहे गली गरबा के अलावा सरकार की ओर से व्यावसायिक गरबा योजना की भी अनुमति दी जा सकती है. इसके अलावा माताजी के जागरण, पूजा-आरती-दर्शन और प्रसाद वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। पहले गणेशोत्सव को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में सिर्फ दर्शन, पूजन, आरती और प्रसाद वितरण कार्यक्रम की अनुमति थी, लेकिन अब नई गाइडलाइंस के मुताबिक जहां गणेशोत्सव के कार्यक्रम होंगे वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.