मोदी और अमित शाह ने लोकसभा चुनाव की तैयारी कर ली है। लोकसभा से पहले 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी का फोकस भी इन्हीं राज्यों पर है. कांग्रेस और स्थानीय पार्टियों की ताकत फिलहाल लधुमती वोट है। इस वोटबैंक नंबर को साधने के लिए बीजेपी ने खास प्लान भी बनाया है. बीजेपी हिंदुत्व के नाम पर चुनाव जीतती रही है लेकिन अब चूंकि मोदी सरकार का निशाना दक्षिण भारत है तो बीजेपी ने लघुमति मोर्चे को भी सक्रिय कर दिया है.
देश में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही बीजेपी ने मुस्लिमों को लुभाने के लिए कैंपेन शुरू करने का फैसला किया है. इसके तहत फरवरी के पहले सप्ताह में भाजपा लघुमति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। इस बैठक में लधूमती वोटरों को बीजेपी में लाने के लिए खास रणनीति बनाई जाएगी. बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि मुसलमानों को सरकारी लाभ कैसे पहुंचाया जाए और इसके लिए रणनीति कैसे बनाई जाए। हो सकता है बीजेपी बजट या चुनावी घोषणापत्र में लघुमतिओ के लिए कोई बड़ा ऐलान कर दे.
भाजपाका सूत्रों का दावा है कि पीएम मोदी की अपील के बाद भाजपा के लघुमति मोर्चे ने मुस्लिम मतदाताओं के प्रभुत्व वाली 60 लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बनाने का फैसला किया है. इस सीट के वोटरों तक पहुंचने के लिए खास कार्यक्रम भी होंगे. इसके लिए मोदी ने काम भी शुरू कर दिया है।
लोकसभा चुनाव से पहले, मोदी ने देश के हर लोकसभा क्षेत्र में अधिकतम 5000 मुस्लिम कार्यकर्ताओं के साथ लघुमति मोर्चा भाजपा में लाने का फैसला किया। भाजपा के बहुसंख्यक मोर्चे के नेता मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं से मिलेंगे और बहुसंख्यक समाज के लिए भाजपा सरकार की नीति व कार्यों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।इसके अलावा स्कूटर रैली सहित कार्यक्रम भी होंगे। बीजेपी हर हाल में 300 से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है.