प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज टैक्सटाइल मिनिस्टर दर्शना जरदोष (Textile Minister of India Darshana Jardosh) की ट्विट को रीट्वीट कर भारतीय टेक्सटाइल परंपरा में साडी का महत्व क्या है उसके बारे में बात की। कपड़ा मंत्री दर्शना जरदोष ने सूरत में आयोजित किए हुए सूरत साडी वोकेथोन (Saree Walkathon) के की जानकारी ट्विट के माध्यम से दी थी। जिसको रिट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि, सुरत साडी वोकेथोन एक बड़ा प्रयास है, जिससे भारतीय टेक्सटाइल परंपरा को पहचान मिले।
Surat Saree Walkathon is a laudatory effort to popularise India’s textile traditions. https://t.co/mJGuvbqnze
— Narendra Modi (@narendramodi) April 20, 2023
ट्विट करते हुए टेक्सटाइल मिनिस्टर दर्शन जरदोष ने लिखा था, ” सूरत, साड़ी और महिलाएं- ये तीन शब्द जब एक साथ पढ़े जाते हैं तो सकारात्मकता की आभा पैदा करते हैं और हमें सूरत के समृद्ध कपड़ा इतिहास और कुशल कारीगरों के बारे में याद दिलाता है। सूरत साड़ी वॉकथॉन एक ऐसा आयोजन था जिसने मुझे भारतीय कपड़ा उद्योग के बारे में एक स्मृति पथ पर चलने का मौका दिया।”
गौरतालाब है की, सूरत की इस वॉकथॉन में 16 राज्यों और कुछ जी20 देशों की 15000 महिलाओं ने भाग लिया, जिसे सूरत नगर निगम और सूरत स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। भारत के G20 यजमान पद के जश्न में इतने सारे लोगों को एकजुट किया गया था.
अपने ट्विट के माध्यम से सुचना देते हुए दर्शना जरदोष लिखती है, बहुत से लोगों को पता नहीं होगा, लेकिन लगभग एक दशक पहले, कपड़ा उद्योग लड़खड़ाहट से चल रहा था, सरकार से कोई समर्थन नहीं था और बहुत कम सार्वजनिक भागीदारी थी। 2014 के बाद उद्योग का पुनरुद्धार सरकारी प्रयासों और ‘जन भागीदारी’ का एक दिलचस्प संगम है। 2014-2015 में, माननीय पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी ने 5-एफ का विजन दिया, फार्म टू फाइबर टू फैब्रिक टू फैशन टू फॉरेन।
आगे दर्शना जरदोष लिखती है, इसी दृष्टि के आधार पर कपड़ा मंत्रालय अमृत काल में आगे मेल कर रहा है। हाल के वर्षों में हमने देखा है कि हथकरघा उत्पादों की मांग कैसे बढ़ी है। जबकि सरकार ने नीति के मोर्चे पर अपार मात्रा में काम किया है, पीएम नरेंद्र मोदी हथकरघा को अपनाने के लिए जी का आह्वान एक मजबूत धक्का था जिसकी कपड़ा क्षेत्र को जरूरत थी।