इस वक्त उत्तर प्रदेश में बड़ी चर्चा हो रही है इसका कारण है ताजमहल Taj Mahal के 22 कमरों को खुलवाए जाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को की गई याचिका। राजेश नामक एक शख्स ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को याचिका की है कि ताजमहल के उन 22 कमरों को खुलवाया जाए और इसकी जांच पुरातत्व विभाग से करवाई जाए। याचिका में दावा किया गया है कि ताजमहल के इन बंद कमरों में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां है।
इससे पहले भी ताजमहल में बनाए गए कमरों में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां होने के दावे किए गए हैं। लेकिन इन दावों में कितनी सच्चाई है, उसका अभी तक कोई जिक्र नहीं किया गया। लेकिन अब हाईकोर्ट में इसके लिए याचिका की गई है। तब सच्चाई सामने निकल कर आती है कि नहीं वह देखने की बात है।
बताया जा रहा है कि ताजमहल के 22 कमरे संगे मर मर के बनाए गए हैं। किन के मध्य में 2 मंजिला इमारत है जिसमें 12 से 15 विशाल रूम है इसकी फ्लोरिंग लाल पत्थरों की बनाई गई हुई है और इसके विंडो को चुनवा दिया गया है।
पहले से ही बोला जा रहा है कि इन कमरों में भगवान की मूर्तियां है। लेकिन किसी को बताया नहीं गया है। अब जाकर इस मसले को कोर्ट के सामने रखा गया है। तब ऐसी स्थिति में क्या होगा और सच्चाई सबके सामने आती है कि नहीं वह देखने की बात है।
ताजमहल मैं सुरक्षा के मद्देनजर 22 कमरों को बंद कर दिया गया है और मौके पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। आपको बता दें कि ताजमहल शुरू से ही हिंदू मुस्लिम गलियारों में सियासी रूप में चर्चा में रह चुका है। कई मौकों पर ताजमहल को तेजो महल बताकर शिव मंदिर (taj mahal hindu temple) भी बोला गया है। अब कोर्ट इस पर क्या फैसला करती है इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
याचिका में प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष (राष्ट्रीय महत्व की घोषणा) अधिनियम 1951, और प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के कुछ प्रावधानों को अलग करने की भी मांग की गई है, जिसके तहत ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, आगरा का किला, इतिमाद-उद-दौला का मकबरा ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया गया।
सिंह ने यह याचिका अपने वकीलों राम प्रकाश शुक्ला और रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर की है। कई दक्षिणपंथी संगठनों ने अतीत में दावा किया है कि ताजमहल भगवान शिव का मंदिर था।