अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा(NASA) ने अपने आर्टेमिस II मिशन (Artemis II mission) के उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की है जिन्हें अगले साल चंद्र की कक्षा में भेजा जाएगा। अपोलो मिशन द्वारा चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लगभग 50 साल बाद, नासा एक बार फिर से चंद्रमा पर मानव भेजने की कोशिश कर रहा है। नासा और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) ने सोमवार को ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के पास एलिंगटन फील्ड में एक समारोह के दौरान आर्टेमिस II मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की।
नासा ने कहा कि अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना हैमॉक कोच, रीड वाइसमैन, विक्टर ग्लोवर और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री जेरेमी हेंसन को अगले साल आर्टेमिस II मिशन पर भेजा जाएगा। नासा ने पहली बार चंद्रमा पर अपने मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के रूप में एक महिला और एक अफ्रीकी-अमेरिकी को चुना है। आर्टेमिस II मिशन के यात्री चंद्रमा पर नहीं उतरेंगे और केवल इसकी परिक्रमा करेंगे और वापस लौटेंगे। आर्टेमिस मिशन के माध्यम से नासा चंद्रमा पर एक दीर्घकालिक उपस्थिति सुविधा स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।
क्रिस्टीना कोच एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं जो नासा के पहले तीन स्पेसवॉक का हिस्सा रही हैं। उन्हें आर्टेमिस II चंद्र फ्लाईबी के लिए मिशन विशेषज्ञ नियुक्त किया गया था।
विक्टर ग्लोवर अमेरिकी नेवी के पायलट और चार स्पेसवॉक के अनुभवी हैं। वह आर्टेमिस II के पायलट के रूप में शामिल है। वह चंद्र मिशन पर जाने वाले पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री होंगे। यह मिशन उसका दूसरा अंतरिक्ष मिशन होगा।
रीड वाइसमैन अमेरिकी नेवी के पूर्व पायलट हैं। रीड वाइसमैन को मिशन कमांडर के रूप में जोड़ा गया है। यह अंतरिक्ष की उनकी दूसरी यात्रा होगी।
जेरेमी हैनसन कनाडाई सेना में एक कर्नल और एक पूर्व पायलट हैं। जेरेमी हेंसन भी आर्टेमिस II मिशन क्रू का हिस्सा हैं। पहले कनाडाई को मिशन विशेषज्ञ के रूप में चंद्रमा की उड़ान के लिए चुना गया।
आर्टेमिस मिशन का लक्ष्य इस दशक के अंत में चंद्र सतह पर अंतरिक्ष यात्रियों के स्थायी आवास के लिए सुविधाएं स्थापित करना है। जो भविष्य में मंगल पर अन्वेषण के लिए एक स्थायी चौकी के रूप में काम करेगा। आर्टेमिस I मिशन दिसंबर 2022 में सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इसने नासा के शक्तिशाली अगली पीढ़ी के मेगा-रॉकेट और इसके नए ओरियन अंतरिक्ष यान की 25-दिवसीय परीक्षण उड़ान को पूरा किया।
चंद्रमा के चारों ओर 10-दिवसीय आर्टेमिस II मिशन का उद्देश्य यह साबित करना है कि ओरियन रॉकेट के उपकरण और अन्य प्रणालियाँ अंतरिक्ष यात्रियों को गहरे अंतरिक्ष में ले जाने के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यों को पूरा करने में सक्षम हैं। ‘अपोलो मिशन’ के 50 से ज्यादा साल बाद पहली बार कोई इंसान चांद पर कदम रखेगा। अपोलो मिशन के दौरान, नासा ने 1968 से 1972 तक 24 अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजा था।