जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. सुरक्षा बलों ने बांदीपोरा से एक आईईडी बरामद किया है. कहा जा रहा है कि आतंकियों के निशाने पर भारतीय सेना के जवान थे। जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. सुरक्षा बलों ने बांदीपोरा रोड के पास अहस्टिंगो इलाके से एक आईईडी बरामद किया है.
कहा जा रहा है कि, आतंकियों ने यह आईईडी विस्फोटक सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए लगाया था, ताकि भारतीय जवानों के रास्ते से गुजरने पर इसे उड़ाया जा सके. हालांकि सुरक्षाबलों ने आतंकियों की साजिश को नाकाम कर दिया और आईईडी बरामद कर लिया। फिलहाल बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंच गया है और आईईडी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
इससे पहले भी आतंकी कई साजिश कर चुके हैं
दरअसल ऐसा पहली बार नहीं है जब आतंकियों ने आईईडी लगाए हों, बल्कि इससे पहले भी आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए इस तरह की साजिश रची है। हाल ही में बुधवार को सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के एक जंगल से एक बैग में तीन आईईडी विस्फोटक बरामद किए। इस तरह सुरक्षाबलों ने आतंकियों के संभावित धमाके की साजिश को नाकाम कर दिया.
Jammu & Kashmir | IED detected on Bandipora-Sopore road between Badyara and Kanbathi villages in Bandipora district; Bomb Disposal Squad called in.
Vehicular movement on the road has been halted as a precautionary measure. pic.twitter.com/b5kDg4ShZo
— ANI (@ANI) October 15, 2022
तीन पुलों की तस्वीरें मिलीं
अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोटकों के अलावा बैग में तीन पुलों की तस्वीरें भी मिली हैं, जिससे पता चलता है कि इन पुलों को आतंकवादियों ने निशाना बनाया था. उन्होंने बताया कि सेना और पुलिस की एक टीम ने बुधवार देर रात गूल अनुमंडल के संगलदान के बशरा-धरम जंगलों से बैग बरामद किया. इसमें छह पैकेट विस्फोटक, 49 कारतूस, एक सेफ्टी फ्यूज, बैटरी और डेटोनेटर और 20 मीटर लंबा तार भी था।
कठुआ से तीन आईईडी, चिपचिपे बम भी बरामद
इससे पहले 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में तीन आईईडी और चिपचिपे बम मिले थे। जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने कहा कि 2 अक्टूबर को कठुआ से जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के बाद ये सामग्री मिली। पुलिस के मुताबिक,
बिलावर गांव का आतंकवादी जाकिर हुसैन भट उर्फ उमर फारूक विभिन्न सोशल मीडिया ऐप के जरिए पाकिस्तान से सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क में था और उसे जम्मू क्षेत्र पर हमला करने के लिए आईईडी और चिपचिपे बमों की एक खेप मिली।