Gujrat:राज्य में हर दिन आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आत्महत्या के मामलों में भी इजाफा हो रहा है, खासकर युवाओं में। जो किसी न किसी वजह से आत्महत्या करने के रूप में सामने आता रहता है। इसको लेकर पुलिस में कई शिकायतें मिलती हैं, जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें राज्य में, खासकर राज्य के बड़े शहरों में आ रही हैं. जबकि राज्य में अक्सर आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं. फिर आज एक और घटना सामने आई है. यह जूनागढ़ से सामने आया है।
जूनागढ़ में एक कॉलेज छात्रा का शव चार दिन बाद गिरनार के जंगल में हसनपुर बांध के ओवरफ्लो इलाके से बरामद हुआ है. इस घटना में लड़की ने आत्महत्या की या हत्या की इसकी जांच की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस घटना में जूनागढ़ के ज़ांज़रदा गांव के परिवार की बेटी जाह्नवी हितेशभाई मेहता की दर्दनाक मौत हो गई है. अंतिम 2 तारीख को जान्हवी और उसकी दोस्त भाषा आस्था दोनों कॉलेज के छात्रावास से निकलकर हसनपुर बांध स्थल पर चली गईं. . जब दोनों ने नाश्ता किया और फिर दोनों बहनों ने सेल्फी ली, तस्वीरें लीं, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया.
आस्था ने इस बारे में किसी से बात नहीं की और जब उसने अपने पिता से बात की तो उसकी सहेली जान्हवी ने उससे कहा कि वह दुखी है और वह भी बांध में गिरकर आत्महत्या कर लेगी। उसके बाद जान्हवी के परिवार और पुलिस ने आस्था और उसके पिता के साथ मौके पर जाकर पूरे डैम की जांच की, जहां से जान्हवी के कूदने की बात कही जा रही थी। लेकिन तीन दिन तक उसका शव नहीं मिला।
हैरान करने वाली बात यह रही कि 5 तारीख को आस्था के कहने से अलग जगह पर जाह्नवी के शव को हसनापुर बांध के ओवरफ्लो एरिया से मेट्रोपॉलिटन नगर पालिका की फायर ब्रांच की टीम ने अलग कर दिया. इसी वजह से आस्था भी शक के घेरे में आ गई है वहीं दूसरी तरफ यह भी पता चला है कि जाह्नवी के प्रेमी जिनकी पिछले कुछ समय से सगाई हो चुकी है उनका किसी न किसी वजह से आपस में झगड़ा हो गया था.
अब इस पूरे घटनाक्रम में जाह्नवी की मौत हो गई या फिर खुदकुशी कर ली? पूरे मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है। इस घटना की जांच अलग-अलग एंगल से पुलिस अरेस्ट कर की जा रही है जबकि जान्हवी की डेड बॉडी को अब पीएम के पास शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं मृतक के परिवार के साथ 4 दिन से रह रहे विहिप के नगर मंत्री हिरेन रूपारेलिया ने कहा है कि घटना के पीछे की सच्चाई सामने आनी चाहिए. जब तक जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती तब तक परिवार शव स्वीकार नहीं करेगा।