सरकार ने पाम तेल सहित विभिन्न खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में 112 डॉलर प्रति टन तक की कमी की है. एक्सपर्ट का कहना है कि इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतें कम हो सकती है.
सरकार ने पाम तेल सहित विभिन्न खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में 112 डॉलर प्रति टन तक की कमी की है. एक्सपर्ट का कहना है कि इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतें कम हो सकती है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एव सीमा शुल्क बोर्ड ने एक अधिसूचना जारी कर कच्चे पाम तेल के आयात शुल्क मूल्य में 86 डॉलर प्रति टन ओर आरबिडी कच्चे पामोलिन के आयात शुल्क मूल्य में 112 डॉलर प्रति टन कटौती की है.
बोर्ड ने कच्चे सोयाबीन तेल के आधार आयात मूल्य में भी 37 डॉलर प्रति टन कटौती की है.खाद तेल के आयात शुल्क मूल्य में यह कटौती 17 जून से प्रभाव में आ जाएगी. टैक्स एक्सपर्ट का कहना है शुल्क मूल्य में कटौती से घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतें कम हो सकती है कयोकि मूल आयात मूल्य पर देय सीमा शुल्क कम में इससे कमी होगी.
एमआरजी एसोसिएट्स के वरिष्ठा पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि खाद्य तेल तिलहन की घरेलू खपत ओर मांग के बीच देश में बड़ा फासला हे जिसकी वजह से इनका बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है. पिछले कुछ माह के दौरान उनके खुदरा मूल्य में तेजी आई
है. उन्होंने कहा कि आधारभूत आयात मूल्य में होने वाले इस बदलाव का खुदरा दाम पर असर पड़ सकता है.वर्षाता की विनिर्माता,वितरकों ओर खुदरा विक्रेताओं सहित पूरी आपूर्ति श्रृंखला से इस कटौती का लाभ उपभोक्तता तक पहुंचाया जाए. देश में खाद्य तेलों की दो तिहाई मांग की पूर्ति आयात से होती है.पिछले एक साल में खाद्य तेलों के दाम तेजी से बढ़े है.