Pramukh Swami Maharaj Shatabdi Mahotsav: भारतीय संस्कृति और सनातन हिंदुत्व को विश्व में गौरवान्वित करने वाले संत पूज्य श्री प्रमुख का प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव (Pramukhswami Maharaj Shatabdi Mahotsav) का आयोजन भव्य तोर पे किया गया है| 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक 1 महीने के लिए विश्व प्रसिद्ध baps संगठन द्वारा आयोजित किया गया है। उस समय लोकगायिका अल्पा पटेल प्रमुख स्वामी नगर के दर्शनार्थ के लिए आई थे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि, अहमदाबाद में प्रमुख स्वामी महाराज की जन्मशती का उत्सव भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। तभी लोकगायिका अल्पा पटेल दर्शन करने आईं और बालनगरी की तारीफ करते हुए कहा की, “बाल नगरी की कहानी अनूठी है।”
अल्पा पटेल ने इस पर्व का लाभ उठाते हुए कहा कि, प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव की यात्रा चारधाम की यात्रा के समान है। मुझे खुशी है कि, बहुत अच्छे विचार ह्रदय तक पहुंचे हैं, इसलिए महंत स्वामी बापा के दर्शन का विशेष वरदान प्राप्त हुआ। हरि भक्तों ने कड़ी मेहनत की है और तन मन धन से सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, “बाल नगरी की कहानी अनूठी है। मैं उन सभी बच्चों के माता-पिता को धन्यवाद देती हूं, जो बच्चों को यहां लेकर आए हैं।” कपड़े देखकर ही बच्चों की परफॉर्मेंस लाजवाब हो गई। विस्मयकारी!
बापा की मूर्ति को देखते ही लगता है कि बापा बोलने वाले हैं। भजन से लेकर भोजन तक की व्यवस्था और साफ-सफाई भी गजब की है। शब्दों से कहूँ तो बहुत कम होगा पर इतना ही कहूँगी कि जीवन धन्य हो गया, आइए हम बापा के पवित्र विचारों को अपने जीवन में धारण करें और एक अच्छा जीवन व्यतीत करें। और बिना चूके इस पर्व का लाभ उठाएं।
मुझे और मेरे परिवार को इस दर्शन का सौभाग्य देने के लिए मैं अपने भाई विपुलभाई (वीरपुर) का आभार व्यक्त करती हूं। बापा के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम। सभी हरि भक्तों को मेरा जय श्री स्वामीनारायण।
आपको बता दें कि, वर्तमान समय में महंतस्वामी महाराज के मार्गदर्शन में बीएपीएस संस्था 160 से अधिक गतिविधियों के माध्यम से हर इंसान के सर्वांगीण उत्थान के लिए अभूतपूर्व आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सेवाएं प्रदान कर रही है। नैतिक मूल्यों का संचारण हो, नशामुक्ति हो, पर्यावरण संरक्षण हो या आदिवासी उत्थान, हर जाति-आयु, देश-विदेश और धर्म-कर्म के व्यक्तियों पर प्रमुखस्वामी महाराज की करुणा बरसती है।
आपको बता दें कि प्रमुखस्वामी महाराज ने 1200 से अधिक मंदिरों का निर्माण कर, 5000 से अधिक सत्संग केंद्रों के माध्यम से, 100 से अधिक स्कूलों और अस्पतालों का निर्माण कर विश्व का कल्याण किया है। प्रमुचस्वामी महाराज द्वारा रचित 1100 से अधिक संतों, 7,050,00 से अधिक पत्र लिखे जाने, 17,000 से अधिक ग्राम यात्राओं और 2,050,00 से अधिक गृह यात्राओं के साथ, उन्होंने लाखों मनुष्यों के जीवन को आशीर्वाद दिया है।