हमारे देश में जो UPSC परीक्षा को सबसे कठिन माना जाता है इस परीक्षा को पास करना आसान नहीं है. हम हम सब जानते ही हैं UPSC देश के सबसे जटिल परीक्षा है इस परीक्षा में 3 चरण होते हैं अगर आप पहले दो चरण में पास हुए और आखिरी चरण में फेल होते हैं. तो आपको फिर से इस परीक्षा की तैयारी करनी होती है. इसीलिए यह परीक्षा और भी ज्यादा कठिन है. ऐसे में अगर कोई विद्यार्थी यह कठिन परीक्षा पास कर दें तो उसकी तस्वीर अखबार में जरूर आती है और वो विद्यार्थी के बाद अपना ही नहीं अपने साथ-साथ अपने परिवार का भी नाम रोशन करता है.
आज हम आपके सामने ऐसे ही एक छात्रा की कहानी लेकर आए हैं जिसने यूपीएससी की यह कठिन परीक्षा को बिना हार माने क्लियर कि है. आज हम बात करने जा रहे हैं बीकानेर के छोटे से गांव नौरंगदेसर की प्रज्ञा जाट की. प्रज्ञाने प्राथमिक शिक्षा बीकानेर में हासिल की है. और बादमे आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली में स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय में की है.
प्रज्ञा को दसवीं और बारहवीं में बहुत अच्छे अंक आए थे और फिर भी प्रज्ञाने डॉक्टर या इंजीनियर बनने का नहीं सोचा प्रज्ञा ने थाना था कि वह सिर्फ सिविल सर्विसेज में जाना नकी किया. पहले से ही ठान रखा था कि वह की वो सिविल सर्विसेज बनेगी. और इसीलिए फोन यूपी एग्जाम में पास हुई. प्रज्ञाने 91वां रैंक लाकर अपने परिवार का नाम रोशन किया है.
प्रज्ञाने मीडिया के साथ बरते वक्त कहा की, उन्होंने किसी भी परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारी और यही नहीं प्रज्ञाने इंटरव्यू मैप यूपीएससी की तैयारी करते सारे विद्यार्थियों को सलाह दी कि कितनी भी मुश्किल आये हमें हार नहीं मानी जाए और उस मुश्किल का सामना करना चाहिए अंत में जीत हमारी ही होगी. प्रज्ञा ने दो बार प्रीलिम्स क्लियर कर लिया था. लेकिन वह आगे नहीं बढ़ पाई थी लेकिन तीसरे प्रयास में प्रज्ञाने जित हासिल ली और इतिहास रच दिया.