Monkeypox: पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स के बढ़ते केस देखकर भारत सरकार ने जारी कि यह नई गाइडलाइन्स

कई देशों में दो कोरोना का काल अभी तक खत्म नहीं हुआ और दुनिया में नया वायरस एंट्री कर चुका है। कई सारे देशों में…

कई देशों में दो कोरोना का काल अभी तक खत्म नहीं हुआ और दुनिया में नया वायरस एंट्री कर चुका है। कई सारे देशों में मांग की बॉक्स कहर मचा रहा है। प्रदेश में भी उसके मामले अभी तक बहुत सामने आए नहीं है लेकिन वह आए इससे पहले ही केंद्रीय सरकार ने कुछ गाइडलाइंस जारी की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दुनिया में मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को अफ्रीकी जंगली जानवरों का मांस खाने या पकाने से या अफ्रीकी जंगली जानवरों से बने क्रीम, लोशन और पाउडर जैसे उत्पादों का उपयोग करने से परहेज करने की भी सलाह दी है। सरकार नहीं चाहती कि ऐहतियाती स्तर पर किसी तरह की लापरवाही बरती जाए। भारत में अब तक इस बीमारी का कोई मामला सामने नहीं आया है।

मंत्रालय के मुताबिक सरकार पूरी तरह से सतर्क है और उसने गाइडलाइंस के जरिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट कर दिया है. इसके अलावा मंत्रालय ने त्वचा के घावों या जननांगों के घावों जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के साथ निकट संपर्क से बचने की भी सलाह दी है।

मंत्रालय ने लोगों को बीमार लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़ों, बिस्तर या स्वास्थ्य सुविधाओं में इस्तेमाल होने वाली सामग्री या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने वाले लोगों से दूर रहने की सलाह दी है। और मंत्रालय ने कहा है कि जो लोग बीमार है वह लोग को तुरंत अस्पताल में जाकर अपनी ट्रीटमेंट करवाइए। क्योंकि अगर आप ट्रीटमेंट नहीं करवाएंगे तो बड़ी मुश्किल आ सकती है।

एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी सावधान रहें। खासकर उन देशों के लोग जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। मंत्रालय ने कहा कि उसे प्रभावित देशों से आने वाले लोगों और पिछले 21 दिनों में यात्रा करने वालों के यात्रा विवरण की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा, हवाई अड्डों और बंदरगाहों को लक्षणों वाले व्यक्ति को अस्पतालों में भेजने की व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए।

वैज्ञानिकों का गाना है जी दुनिया भर में मुंह की बॉक्स के मामले पाए गए इसलिए वो निकट भविष्य में भारत में कोई मामला होने पर स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने की तैयारी की जा रही है। गाइडलाइन के मुताबिक, लैब में जांच के बाद ही मंकीपॉक्स के मामले की पुष्टि की जाएगी। तब तक मंकीपॉक्स है ऐसा कहा नहीं जा सकता। इसके लिए सिर्फ पीसीआर या डीएनए टेस्टिंग पद्धति ही मान्य होगी। ऐसे में सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है ताकि बीमारी और उसके लक्षणों को लेकर कोई गलतफहमी न हो. इसलिए आप डॉक्टर से पूछ कर अपनी ट्रीटमेंट करवाएं

सरकार के जरिए जो गाइडलाइन दी गई है उसमें कहा गया है कि नए मामलों की जल्द पहचान की जाए। यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है कि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में न फैले। तो, संक्रमण को रोकने और नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। रोगी को आइसोलेशन में रखने और एम्बुलेंस को स्थानांतरित करने की रणनीतियाँ भी प्रदान की जाती हैं। आइसोलेशन में किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए, मरीज की देखभाल करते समय सैनिटाइजर का सही इस्तेमाल और पीपीई किट पहनने पर जोर दिया जाता है। इसलिए आप अभी भी ऐसा मत समझना कि कोरोना से लागया है अभी कोरोना के बाद मंकीपॉक्स नाम का नया वायरस आया है ।इसकी तैयारी रखना बहुत ही जरूरी है क्योंकि आज मंकीपॉक्स दुनिया के सारे देशों में फैल चुका है।