आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। इसके बावजूद कई लोगों का मानना है कि महिलाएं काम नहीं कर सकती और महिलाएं बल का प्रयोग नहीं कर सकती ऐसा कुछ लोगों का मानना है।इस बात का खंडन करने के लिए हमारे पास कई सारी महिलाओं के उदाहरण है लेकिन आज हम जो आपको बताने जा रहे हैं वह महिला एक मैकेनिक है। यह महिला पूरे तेलंगाना की इकलौती महिला मैकेनिक है।
तेलंगाना के कोठागुडेम के सुजाता नगर की रहने वाली 31 वर्षीय महिला का नाम आदिलक्ष्मी है। यह महिला एक ट्रक मैकेनिक है। यह बात सुनकर बहुत से लोगों को आश्चर्य होता होगा लेकिन यह बात सच है कि यह महिला एक ट्रक मैकेनिक है। इसका कारण यह है कि बहुत से लोग मानते हैं कि काम सिर्फ मर्दों का है लेकिन आदिलक्ष्मी ने इस सोच को गलत साबित करके दिखा दिया है कि महिलाओं भी मैकेनिक का काम कर सकती है। आदिलक्ष्मी अपने पति की ऑटो मोबाइल रिपेयरिंग शॉप में काम करती है और फिर दोपहर को वह मैकेनिक का काम करती है।
आदिलक्ष्मी का बचपन बीता था गरीबी में
प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिलक्ष्मी की चार बहन थी और उसके माता पिता की कमाई इतनी नहीं थी कि वह आदिलक्ष्मी को पढ़ा सके इसलिए आदिलक्ष्मी चौथी क्लास तक ही बढ़ पाई थी। उनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। आदि लक्ष्मी का कहना है कि 9 तो उसके पिता के पास कोई जमीन थी और ना ही उनके पति के पास भी कोई जमीन है। अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए आदिलक्ष्मी रो पड़ती है और कहती है कि उन्हें याद है बचपन में लोग जब मुझे कुछ खाने के लिए देते थे तब मैं बहुत खुश हो जाती थी।
मैकेनिक का काम पति की मदद के लिए किया था शुरू
आदिलक्ष्मी ने ये कभी नहीं सोचा था कि वह एक मकैनिक बन जाएंगी।उन्होंने तो ये काम सिर्फ अपने पति की मदद करने के लिए शूररू किया था। उनके पति घर से दूर रह कर काम करते थे।यहां तक कि वह तब भी नहीं आ पाए थे जब आदिलक्ष्मी दूसरे बच्चे को जन्म दे रही थीं. इसके बाद आदिलक्ष्मी ने सोचा कि वह यहीं एक ऑटोमोबाइल की दुकान खोलेंगी और अपने पति की मदद करेंगी जिससे कि उनके पति घर पर रह सकें। इसी तरह पति की मदद करते करते वह खुद एक माहिर मकैनिक बन गईं।
मैकेनिक शॉप के बाद पति पत्नी ने वेल्डिंग की दुकान भी खोल ली थी। पंचर जोड़ने के समेत कई काम करने वाली आदिलक्ष्मी एक विशेषज्ञ वेल्डर भी है। हालांकि इस काम का असर उनकी आंखों पर भी पड़ा था जिसके इलाज के लिए उन्हें भारी रकम भी देनी पड़ी थी इसलिए उन्होंने यह काम को वहां ही रोक दिया था।