आपने अपने जीवन में कई किस्से सुने होंगे। लेकिन आज हम जो आपको सुनने वाले हैं वह कुछ अलग ही है। यहां विकलांग लड़की बहुत सारी मुश्किलों को पार करके एक आईएएस(IAS) ऑफिसर बनी। कहते हैं कि व्यक्ति जब ठान लेता है तो कुछ भी कर सकता है।आज इस बात को इस लड़की यानी कि आईएएस अधिकारी ईरा सिंघल(Ira Singhal) ने साबित कर दी है। अपंग होने के बावजूद भी हीरा अपने मुसीबतें के सामने लड़ती रही लेकिन उसने अपने पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी और अपने देश का नाम रोशन किया है।
इरा सिंघल एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी और एक कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियर हैं। वह सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाली पहली विकलांग महिला भी हैं। ईरान में स्कोलियोसिस है जो हाथ की गति को बाधित करता है। इरा ने अपनी पढ़ाई को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए बी.टेक और फिर एमबीए की पढ़ाई पूरी की।एमबीए से पहले उन्होंने 2010 में सिविल सेवा परीक्षा देने से पहले कैडबरी इंडिया में स्ट्रेटजी मैनेजर और कोको कोला कंपनी में मार्केटिंग इंटर्नशिप के रूप में नौकरी की थी।
उसने अपने हक की लंबी लड़ाई लड़ी
आईएएस अधिकारी बनने के लिए उन्होंने खुद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने वर्ष 2010 में यूपीएससी पूरा किया। परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें नियुक्त नहीं किया गया। हालांकि, आईआरए ने अपने फैसले को चुनौती दी और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के पास गया। लंबे संघर्ष के बाद उनके पक्ष में फैसला सुनाया गया और एक कठिन संघर्ष के बाद वह वर्ष 2014 में हैदराबाद मेंनियुक्ति पाने में सफल रही है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हीरा ने कम उम्र में ही आईएएस जॉइंट कर लिया था। लेकिन जब उसने अपने दोस्तों से इस बारे में बात की तो उसने अपनी विकलांगता का मजाक उड़ाया और उन्हें मगरमच्छ की तरह चीढाया। इस बात का जिक्र उन्होंने खुद एक इंटरव्यू मैं किया। और उन्होंने आगे भी बताया कि जब वह किसी भी इंसान से इसके बारे में बात करते थे तो सभी इंसान उसका मजाक उड़ाते थे।