रामनगरी अयोध्या में श्रीराम के मंदिर निर्माण को लेकर भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है. आम लोग हों या साधु-संत, सभी अपनी आस्थानुसार मंदिर के लिए दान दे रहे हैं. ऐसे में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 11 रुपये से लेकर 1,11,11,111 रुपये तक की दान राशि प्राप्त हुई है. इसी क्रम में, ट्रस्ट को ऋषिकेश से भी 1 करोड़ रुपये की सहयोग राशि मिली है. लेकिन यह कोई मामूली दान नहीं है. इसके पीछे की कहानी जान कर आप दंग रह जाएंगे.
दरअसल, उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक संत हैं स्वामी शंकर दास, जो 60 साल से एक गुफा में रह रहे हैं. जब उन्हें पता चला कि अयोध्या में आखिरकार राम मंदिर का निर्माण होने वाला है, तो वह बहुत खुश हुए. एक करोड़ का दान दिया है. लोग उन्हें फक्कड़ बाबा के नाम से जानते हैं. फक्कड़ बाबा ऋषिकेश स्टेट बैंक की शाखा में गुरुवार को पहुंचे और राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ का चेक बैंक कर्मचारियों को सौंपा.
बैंक के कर्मचारियों को एक बार तो विश्वास नहीं हुआ. इसलिए बैंक कर्मचारी ने उनका अकाउंट चेक किया. जांच में यह बात कंफर्म हुई कि उनका चेक गलत नहीं है. बैंक ने RSS के पदाधिकारी को तुरंत सूचित किया, जिसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाह कृष्ण कुमार सिंघल बैंक पहुंचे और स्वामी शंकर दास का चेक राम मंदिर के खाते में जमा करवाया. साथ ही, बाबा को दान की रसीद दी गई.
गौरतलब है कि यह फक्कड़ बाबा, टाट वाले बाबा के शिष्य के रूप में गुफाओं में जीवन व्यतीत कर रहे थे. टाट वाले बाबा से मिलने वाले लोगों के दान में मिलने वाली रकम को बाबा ने जमा करके राम मंदिर के लिए दान कर दिया. स्टेट बैंक के कर्मचारियों ने ऋषिकेश में आरएसएस के पदाधिकारियों को तुरंत
सूचित किया गया. ऋषिकेश क्षेत्र के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाह कृष्ण कुमार सिंघल ने बैंक में पहुंचकर बाबा शंकर दास से मिलकर यह चेक राम मंदिर के खाते में जमा कराया.
हालांकि फक्कड़ बाबा इस चंदे को गुप्त दान के रूप में देना चाहते थे लेकिन जब आरएसएस के पदाधिकारियों ने बात की तब बाबा ने चेक सौंपते हुए एक फोटो खिंचवाया. आरएसएस के पदाधिकारी सुदामा सिंघल ने बताया कि ऋषिकेश में 60 सालों से एक गुफा में निवास कर रहे संत शंकर दास डाक वाले बाबा के अनुयाई हैं.
जब पीएम मोदी ने अयोध्या में भूमि पूजन की शुरुआत की और देशभर के लोगों से दान देने की अपील करें तो यह बात पता चलने पर फक्कड़ बाबा ने अपने पूरे जीवनभर की कमाई को भव्य राम मंदिर के लिए दान में दे दिया. राम काज के लिए उनकी तरफ से एक श्रद्धा पुष्प अर्पित किया गया है. ऋषिकेश संतों की नगरी है. यहां हर प्रकार के संत देखने को मिलते हैं. यहां के जंगलों और गुफाओं में कई वर्षों से कईसन तपस्या में लीन है इसलिए इस तपोभूमि को ऋषिकेश कहा जाता है.